दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने राहुल गाँधी को एक सलाह दी है। शीला ने कहा है कि राहुल गाँधी को पार्टी दफ्तर में हर दिन दो से तीन घंटे अपनी उपस्थिति दर्ज करानी चाहिए। उन्होंने सोनिया गाँधी के बारे में बताते हुए कहा कि सोनिया ने भी जब पार्टी का कामकाज संभाला था तब वह हर दिन तीन घंटे कांग्रेस मुख्यालय में नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए समय दिया करती थीं। ऐसे में राहुल की कार्यकर्ताओं के लिए सुगम उपलब्धता बहुत जरुरी है। राहुल अगर समय देंगे तो माहौल बदलेगा और वह ऐसा करने में सक्षम हैं। शीला ने यह भी कहा कि हाल में हुए विधान सभा चुनाव के बाद राहुल गांधी को हताश नहीं दिखना चाहिए वर्ना पार्टी में उथल-पुथल शुरू हो जाएगी।

आपको बता दें कि शीला दीक्षित इससे पहले भी राहुल पर बोल चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि राहुल अभी परिपक्व नहीं हैं।  इसके लिए उन्हें अभी और वक्त चाहिए। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली नगर निगम चुनावों में कांग्रेस की ख़राब प्रदर्शन पर कहा था कि मुझे किसी ने प्रचार के लिए नहीं कहा इसलिए मैंने किसी भी उम्मीदवार का प्रचार नहीं किया। शीला दीक्षित को कांग्रेस की तरफ से उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी घोषित किया गया था लेकिन समाजवादी पार्टी से गठबंधन के बाद उनका नाम वापस ले लिया गया था। शीला की यह सलाह इसलिए भी अहम् है क्योंकि हाल के दिनों में राहुल पर यह आरोप लगता रहा है कि वह कार्यकर्ताओं से नहीं मिलते हैं।

कांग्रेस को चुनावों में लगातार मिल रही हार के बीच राहुल गाँधी के नेतृत्व पर भी सवाल उठते रहे हैं। पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन पंजाब को छोड़कर काफी ख़राब रहा। उत्तरप्रदेश में गठबंधन भी उसके काम न आया और तो और दिल्ली नगर निगम चुनावों में भी पार्टी की स्थिति ख़राब रही। ऐसे में नेतृत्व पर सवाल उठाना लाज़मी भी है। नतीजों के बाद जहाँ राहुल गांधी पर बरखा शुक्ल ने आरोप लगाया था वहीँ अजय माकन ने इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया गया है।

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