शारदा चिट फंड घोटाले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से शनिवार को सीबीआई दफ्तर में घंटों लंबी पूछताछ हुई। सीबीआई के अधिकारियों ने राजीव से शिलॉन्ग स्थित सीबीआई दफ्तर में करीब 7 घंटे 15 मिनट तक पूछताछ की। सीबीआई के ज्यादातर सवाल सारदा चिटफंड स्कैम की शुरुआत यानी अप्रैल 2013 से लेकर अब तक के पूरे विवाद पर केंद्रित थे। उस वक्त राजीव कुमार बिधाननगर के पुलिस कमिश्नर थे। इसके अलावा सीबीआई अधिकारियों ने ‘नष्ट किए गए’ सबूतों को लेकर भी पूछताछ की।

रविवार सुबह 11 से शाम 8 बजे तक कुमार जांच एजेंसी के दफ्तर में रहे।” रविवार को उन्हें सीबीआई के सामने फिर पेश होना है और इस बार उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि सीबीआई ने ठीक उसी वक्त राजीव कुमार के खिलाफ बोलने वाले पूर्व टीएमसी सांसद कुणाल घोष को भी बुलाया है।

कुणाल घोष को 2013 में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित की गई एसआईटी ने गिरफ्तार किया था। उन्होंने जून 2014 में सीबीआई को एक 94 पेज का लेटर भेजा था जिसमें सारदा घोटाले में बंगाल सरकार और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे। कुणाल शनिवार को शिलॉन्ग पहुंच गए।

बता दें कि सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाया था कि सारदा चिटफंड घोटाले की एसआईटी जांच के अगुवा रहे कुमार ने इलेक्ट्रॉनिक सबूतों के साथ छेड़छाड़ की और उन्होंने सीबीआई को जो दस्तावेज सौंपे, उनमें से कुछ में ‘छेड़छाड़’ की गई थी। शीर्ष अदालत ने ‘सभी अनावश्यक विवादों से बचने के लिए’ कुमार को तटस्थ स्थान शिलॉन्ग में सीबीआई के सामने पेश होने का निर्देश दिया था।

सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि राजीव कुमार से पूछे गए ज्यादातर सवाल अप्रैल 2013 में हुई घटनाओं पर ही आधारित थे। इसके अलावा बतौर बिधाननगर पुलिस कमिश्नर उनके रोल पर कुछ सवाल किए गए। बिधाननगर पुलिस ने सारदा ग्रुप के मास्टरमाइंड सुदीप्त सेन के खिलाफ पहली एफआईआर 16 अप्रैल 2013 को दर्ज की थी। इसके बाद बंगाल सरकार ने 26 अप्रैल को मामले की जांच के लिए एक एसआईटी बनाई थी।

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