Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ‘सप्तर्षि प्लान’, जानिए बजट में इसका क्या है उद्देश्य?

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Union Budget 2023
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Saptarshi Plan: केंद्र सरकार का वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश हो चुका है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद भवन में बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने अपने बजट भाषण में सप्तर्षि का जिक्र किया। हालांकि, सात ऋषियों के बारे में तो सनातन धर्म के ग्रंथों में उल्लेख मिलता है लेकिन यहां पर सप्तर्षि का जिक्र देश को विकसित करने और इसकी विकास के रफ्तार को बनाए रखने के उद्देश्य से किया गया है। आइए जानते हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिस सप्तर्षि प्लान का जिक्र किया है, वह आखिरकार क्या है…

Saptarshi Plan: संसद में बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
Saptarshi Plan: संसद में बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Saptarshi Plan: बजट के सप्तर्षि

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में पांचवीं बार बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने सप्तर्षि प्लान को भी बताया। वित्त मंत्री के इस प्लान में समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, बुनियादी ढांचे और निवेश, क्षमता विस्तार, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र शामिल हैं। इस प्लान के तहत केंद्र सरकार देश के हर क्षेत्र में विकास को अनवरत और तेजी के साथ जारी करने की कोशिश करेगी।

समावेशी विकास- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना सप्तर्षि प्लान बताते हुए सबसे पहले समावेशी विकास का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार सबका साथ सबका विकास के एजेंडे पर काम करती है। सरकार का लक्ष्य समाज के हर वर्ग व तबके के लोगों का बिना किसी भेदभाव के विकास करना है।

वंचितों को वरीयता- निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में देश की जनता को बताया कि वह देश और समाज के वंचितों पर विशेष ध्यान रखेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि जब तक देश के वंचितों का विकास नहीं होगा तब तक समावेशी विकास की परिकल्पना को पूरा नहीं किया जा सकेता। उन्होंने इसके लिए वंचितों को वरीयता और इनकी विकास की बात कही।

बुनियादी ढांचे और निवेश- वित्त मंत्री ने अपने बजट में वित्त वर्ष 2023-24 में बुनियादी ढांचे और निवेश पर जोर देने की बात कही। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में तेजी बनाए रखने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार की जरूरत है। इसके लिए काम करना होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि निवेश को बढ़ाने के उपायों पर भी जोर देना है।

क्षमता विस्तार- क्षमता विस्तार को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि देश के युवाओं की क्षमता पर जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि जबतक युवाओं की क्षमताओं का विस्तार नहीं हो जाता तबतक देश की अर्थव्यवस्था में तेजी नहीं आ सकती है। इसलिए हमें इनकी क्षमता विस्तार पर जोर देना होगा।

हरित विकास- निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में हरित विकास को भी सप्तर्षि प्लान में रखा। हरित विकास के तहत वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र व किसानों के हालातों में सुधार करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश की विकास को बनाए रखने के लिए किसानों की हालत में सुधार जरूरी है। इसी कारण से उन्होंने कहा कि सरकार मोटे अनाजों को तवज्जो देगी ताकि छोटे किसानों की भी हालत सुधर सके।

युवा- वित्त मंत्री ने अपने सप्तर्षि प्लान में युवाओं का भी ध्यान रखा है। इसके लिए उन्होंने ‘युवा’ को भी सप्तर्षि की कैटेगरी में रखा। आपको बता दें कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि भारत की सबसे बड़ी ताकत युवा शक्ति ही है। वित्त मंत्री ने इसी को ध्यान में रखते हुए देश के युवाओं पर विशेष ध्यान देने की बात कही।

वित्तीय क्षेत्र- वित्त मंत्री के सप्तर्षि प्लान की अंतिम प्वाइंट वित्तीय क्षेत्र है। इसके तहत सरकार देश की वित्तीय स्थिति को सही करने और उसे लाभ पहुंचाने पर फोकस करने की बात कही है।

आपको बता दें कि जिन सप्तर्षियों के नाम पर इस सप्तर्षि प्लान का बजट में जिक्र किया गया है, वे सात ऋषि ये हैं-
वशिष्ठ, विश्वामित्र, कण्व, भारद्वाज, अत्रि, वामदेव और शौनक। इन सभी ऋषियों के बारे में कहा जाता है कि भारतवर्ष की विकास में इनकी अहम भूमिका रही है।

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