संस्कार भारती के कला संकुल का संघ प्रमुख भागवत ने किया लोकर्पण, लोक जीवन में राष्ट्रीय मूल्यों के बीजारोपण का है उद्देश्य

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दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर संस्कार भारती द्वारा बनाए गए कला संकुल (परिसर) का उद्घाटन शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत द्वारा किया गया। यह उद्घाटन समारोह पद्मश्री हरिभाऊ वाकणकर जयंती की पूर्वसंध्या पर हुआ। संस्कार भारती आगामी भविष्य में दिल्ली को एक ‘कला नगर’ का रूप स्थापित करना चाहता है, जिसकी सांस्कृतिक सुगंध से पूरा देश सुवासित हो और भविष्य में ‘कला संकुल’ कला-संस्कृति के बड़े केंद्र के रूप में जाना जाएगा। इस बीच आरएसएस का छोटे से केबिन में चलने वाला संस्कार भारती का ऑफिस चार मंजिला इमारत में बदल गया है। इस मौके पर कला साहित्य रंगमंच के लगभग 1000 कलाकार, संस्कृतिकर्मी, कलागुरु एवं अन्य विद्वतजन एवं गणमान्य विभूतियां उपस्थित रहीं।

इमारत संस्कार भारती के कला केंद्र की है जिसका संचालन आरएसएस द्वारा किया जाता है। यह दिल्ली के कई कला केंद्रों से बेहतर हो चुका है। पांच करोड़ की लागत से बने इस भवन को संस्कृति केंद्र के लिए केंद्र के संस्कृति मंत्रालय से अनुदान मिला है। कहा जा रहा है कि, इसे बनाने में पांच करोड़ से अधिक की लागत आई है।

इमारत के बेसमेंट में एक मॉडर्न पार्किंग है। ग्राउंड और पहले फ्लोर को साउंड प्रूफ बनाया गया है ताकि यहां होने वाले प्रोग्राम्स में कोई अड़चन न पड़े। कला केंद्र की नई इमारत में शास्त्रीय संगीत और नृत्य से जुड़े दस्तावेजों का एक शानदार म्यूजियम भी बनवाया गया है। इसके साथ ही अब आरएसएस का दबदबा कला-संस्कृति के क्षेत्र में भी होगा।

दिल्ली में कला परिसर को विकसित करने वाला आरएसएस का अनुसांगिक संगठन संस्कार भारती एक राष्ट्रवादी सांस्कृतिक संगठन है, जो भारत की परम्परागत शास्त्रीय, लोक और आधुनिक कलाओं के माध्यम से लोक जीवन में राष्ट्रीय मूल्यों के बीजारोपण के लिए कृत संकल्प प्रयत्नशील है। मूल्य आधारित कला मनोरंजन की तरफ से व्यक्ति का विकास संस्कार भारती का लक्ष्य है।

प्राचीन और आधुनिक के समन्वय और प्रतिभाशाली युवा कलाकर्मियों को नए प्रयोग की जमीन देने के विश्वास के साथ संस्कार देश की कला धरोहर रेगुलर आगे बढ़ाने और नए मुकाम को हासिल करने का लक्ष्य के साथ इस संकुल को स्थापित किया जा रहा है। संस्कार भारती ‘सा कला या विमुक्तये’ की संकल्पना को लेकर कला और संस्कृति की उन्नति के क्षेत्र में लगभग बीते चार दशकों से काम कर रहा है।

बता दें कि, संस्कार भारती का ऑफिस जिस जमीन पर बना है उसपर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। इसका पुराना राजनीतिक रिश्ता है। 2003 की वाजपेयी सरकार के समय संस्कार भारती को यह जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन 2004 में कांग्रेस सरकार के आते ही यह आवंटन रद्द कर दिया गया। इसके बाद यह मामला लंबे समय तक कोर्ट में अटका रहा। बाद में 2014 में भाजपा सरकार के आने के बाद यह जमीन संस्कार भारती को मिली, लेकिन इसके लिए उसे शहरी विकास मंत्रालय को 2014 के रेट के हिसाब से 22 लाख रुपए का भुगतान करना पड़ा

भाजपा के जरिये लगातार अपना राजनीतिक प्रभाव बढ़ा रहे संघ की चिंता हमेशा बौद्धिक-सांस्कृतिक जगत में अपनी स्वीकार्यता की रही है। इसके लिए संघ परिवार की ओर से लगातार कोशिशें की जा रही हैं। जाने-माने फिल्म अभिनेता परेश रावल और प्रसिद्ध नृत्यांगना सोनल मान सिंह को संस्कार भारती से जोड़ा गया है ताकि युवा कलाकारों को वे संस्था से जोड़ सकें।

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