बंगाल की दिग्गज गायिका Sandhya Mukherjee का 15 फरवरी की शाम 90 वर्ष की आयु में कोलकाता के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ। जनवरी के आखिरी सप्ताह में Sandhya Mukherjee कोरोना संक्रमित पाई गई थीं, जिसके बाद उन्हें कोलकाता के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने बताया कि मुखर्जी दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं, जिससे उनकी स्थिति जटिल हो गई थी। डॉक्टरों ने कहा कि मंगलवार दोपहर गायिका की हालत बिगड़ गई और शाम को उनका दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई।
अपने 70 साल से भी अधिक गाने के करियर में Sandhya Mukherjee ने बंगाली सिनेमा और अर्ध-शास्त्रीय संगीत के एल्बमों के लिए हजारों गाने गाए थे। उन्होंने हिंदी सिनेमा के लिए कई गाने भी रिकॉर्ड किए। इंडस्ट्री ने उन्हें गीताश्री खिताब से भी नवाजा है। उन्हें पद्मश्री पुरस्कर के लिए भी चुना गया था लेकिन उन्होंने निजी कारणों की वजह से उसे अस्वीकार कर दिया।
Sandhya Mukherjee को ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि
Sandhya Mukherjee को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा, “गीताश्री संध्या मुखोपाध्याय जी के निधन से हम सभी बेहद दुखी हैं। उनकी मधुर प्रस्तुतियां आने वाली पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध करती रहेंगी। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।
गीताश्री संध्या मुखर्जी के निधन से हम सभी दुखी हैं। हमारी सांस्कृतिक दुनिया की अपूरणीय क्षति। आने वाली पीढ़ी भी उनकी सुरीली आवाज की दीवानी होगी। दुख की इस घड़ी में मैं उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। शांति।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लिखा, “बेहद दुखी हूं कि बंगाल में राग की रानी गीताश्री संध्या मुखोपाध्याय नहीं रहीं। उनका जाना हमारी संगीत की दुनिया में और यहां और प्रवासी भारतीयों में उनके लाखों अनुयायियों के दिलों में एक शून्य पैदा करता है। मैं उन्हें अपनी बड़ी बहन के रूप में देखती थी और यह मेरे लिए एक गंभीर व्यक्तिगत क्षति है। वह हमारी संगीत अकादमी में गतिशील आत्मा हुआ करती थीं।
साथ ही, देश के कई गायकों और राजनेताओं ने भी ट्वीट कर संध्या मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। कई लोगों ने ट्विटर पर वीडियो शेयर किया तो कई लोगों ने अपनी भावनाओं को व्यक्त कर के शोक जताया है।
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