नाबालिग के साथ दुष्कर्म के दोषी के लिये फांसी का फंदा

मध्य प्रदेश और राजस्थान के बाद अब उत्तराखंड देश का एक और राज्य बनेगा, जहां नाबालिग के साथ बलात्कार और दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा होगी। इसका ऐलान खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। काशीपुर में प्रदेश कार्यकारिणी की दो दिवसीय प्रदेश बैठक के समापन के बाद सीएम ने कहा कि, बलात्कारियों और दुष्कर्मियों के लिए बीजेपी सरकार फांसी के फंदे का कानूनी इंतजाम करेगी। यानि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार नाबालिगों के साथ रेप और दुष्कर्म के गुनहगारों के लिये फांसी की सजा का प्रावधान करने जा रही है। सीएम का दावा है कि इस तरह के कानून से बलात्कार के मामलों में नकेल कसी जा सकेगी।

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरीमा धसौनी ने किया स्वागत

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने  नाबालिग बच्चों के साथ दुष्कर्म के मामले में फांसी का कानून बनाने की बात कही है।  विपक्ष इसका स्वागत कर रहा है। कांग्रेस नेता गरिमा धसौनी इस कानून पर प्रदेश सरकार के साथ खड़ी नजर आ रही है।

भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने का दावा

काशीपुर में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सूबे में भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने का बड़ा दावा करते दिखे। इस दौरान उन्होंने जनहित के कई मामलों पर अपनी सरकार की पीठ थपथपाई। सीएम ने किसानों की आय बढ़ाने और उनकी खुशहाली के लिये जनकल्याणकारी योजनाएं जमीन पर उतारने लागू के दावे किये।

मिशन 2019 की तैयारियों में जुटने को कहा

काशीपुर में प्रदेश कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक में मिशन 2019 की तैयारियों को लेकर चर्चा हुई। सीएम  त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मिशन 2019 के लिए अभी से कार्यकर्ताओं को कमर कसने के निर्देश दिए। बूथ स्तर पर पन्ना प्रमुख बनाने के लिए रणनीति बनाने को कहा। साथ ही कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर केंद्र की नरेंद्र मोदी की जनकल्याणकारी नीतियों उज्जवला योजना और दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के बारे में बताने की अपील की। जिससे पीएम मोदी और अमित शाह के तीन सौ पचास लोकसभा सीटों के सपने को पूरा किया जा सके।

उत्तराखंड सरकार करेगी फांसी की सजा का कानूनी प्रावधान

वैसे सियासत से इतर बात की जाये तो सीएम त्रिवेंद्र रावत सरकार ने नाबालिगों के साथ बलात्कार और दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा दिलाने के कानूनी प्रावधान का जो फैसला किया है वह सहारणीय है, लेकिन इसे रोकने के लिये सामाजिक जागरुकता की भी उतनी ही जरुरत है…वैसे समय-समय पर बच्चों और लड़कियों से दुष्कर्म को लेकर देवभूमि के दामन पर कलंक के छींटें पड़ते रहें हैं।

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