Rana Ayyub: भारतीय पत्रकार राणा अय्यूब ने कहा है कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि भारत सरकार उनकी बातों से डरती है। अपने इस बयान के बाद से राणा अय्यूब ट्रोलर्स के निशाने पर आ गई हैं। ट्विटर पर राणा के खिलाफ #RanaAyyubChorHai जैसे हैशटैग चलाए जा रहे हैं। दरअसल, इटली के पेरुगिया में अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता महोत्सव को संबोधित करते हुए, ‘व्हेन द स्टेट अटैक्स: जर्नलिज्म अंडर अटैक इन वर्ल्ड्स बिगेस्ट डेमोक्रेसी’ विषय पर राणा अय्यूब ने यह बातें कही।
Rana Ayyub पर फंड गबन का आरोप
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पत्रकार राणा अय्यूब से संबंधित 1.77 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। ईडी ने आरोप लगाया कि राणा अय्यूब ने तीन अभियान शुरू किए और ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म ‘केटो’ के जरिए करोड़ों रुपये जुटाए। जांच अधिकारियों के अनुसार, तीन अभियानों में अप्रैल-मई 2020 के दौरान झुग्गीवासियों और किसानों के लिए धन, जून-सितंबर 2020 के दौरान असम, बिहार और महाराष्ट्र के लिए राहत कार्य और मई-जून 2021 के दौरान भारत में कोविड -19 प्रभावित लोगों की मदद शामिल है।
कथित रूप से राणा अय्यूब को इन अभियानों के माध्यम से 2.69 करोड़ रुपये मिला, जिसमें से 80.49 लाख रुपये विदेशी करेंसी था। मामले में आयकर विभाग द्वारा जांच शुरू करने के बाद अय्यूब ने विदेशी चंदा वापस कर दिया।
कौन हैं Rana Ayyub?
गुजरात फाइल्स और एनाटॉमी ऑफ ए कवर अप की लेखिका राणा अय्यूब का जन्म मुंबई में हुआ था। उनके पिता मोहम्मद अय्यूब मुंबई की एक पत्रिका वक़िफ़ ब्लिट्ज के लेखक थे,और प्रगतिशील लेखक आंदोलन के एक महत्वपूर्ण सदस्य भी थे।
राणा ने राजनीतिक समाचार पत्रिका तहलका के लिए भी काम किया है। राणा आमतौर पर भाजपा की आलोचक रही हैं। बता दें कि अय्यूब द्वारा की गई एक रिपोर्ट ने नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी अमित शाह को 2010 में कई महीनों के लिए जेल भेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। तहलका में, राणा ने एक खोजी पत्रकार के रूप में काम किया। उनके द्वारा की गई स्टिंग ऑपरेशन पर उनकी किताब गुजरात फाइल्स आधारित है। फिलहाल भारतीय पत्रकार राणा अय्यूब ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ में कार्य करती हैं।
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