आसाराम को नाबालिग से बलात्कार मामले में ताउम्र कैद की सजा सुनाई गई हैं। आसाराम एक नाबालिग लड़की से रेप के आरोप में क़रीब 5 साल से ज़्यादा वक़्त से जेल में बंद था। जोधपुर कोर्ट ने इस मामले में अपना फ़ैसला सुनाया, इस मामले में आसाराम के साथ दो और लोग शिल्पी और शरतचंद्र को दोषी करार दिया गया है। इस मामले में कुल पांच लोग आरोपी थें, जिनमें दो लोगों को बरी कर दिया गया हैं। आसाराम रेप केस में फैसला सुनाने के लिए कोर्ट को जेल में ही लगाया गया और फिर वहीं पर फैसला सुनाया गया। पुलिस ने आसाराम रेप में उनके सेवादारों के खिलाफ नवंबर 2013 में चार्जशीट दाख़िल की थी। इस केस में कुल 58 गवाहों ने गवाही दी।

आसाराम के गुनाहों को उनके अंजाम तक पहुंचाना इतना आसान नहीं था, एक तरफ जहां जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद आसाराम मामले की सुनवाई चल रही थी, वहीं बाहर एक के बाद एक गवाह मारे जा रहे थे और कई हमलों में गम्भीर रूप से घायल भी हुए। कुछ गवाह तो ऐसे गायब हुए कि अब तक उनका कुछ पता नहीं चला है। आसाराम बलात्कार मामले के मुख्य गवाह 35 वर्षीय कृपाल सिंह को 10 जुलाई 2015 को शाहजहांपुर में अज्ञात बाइक सवार हमलावरों ने गोली मार के मौत के घाट उतार दिया था। बरेली में निजी अस्पताल में इलाज के दौरान 11 जुलाई 2015 को उनकी मौत हो गई।

हालांकि कुछ दिन बाद पुलिस ने पुष्पेंद्र को जोधपुर से गिरफ्तार किया और शाहजहांपुर लेकर आई और यहां पुलिस की तरफ से पूछताछ के दौरान उसने कृपाल सिंह की हत्या में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली। पांडेय ने बयान दिया कि वह आसाराम का समर्थक है। उसने कई बार कृपाल सिंह को पैसे का लालच देकर और डराकर आसाराम के खिलाफ गवाही देने से रोकना चाहा था।

कृपाल सिंह की मौत से पहले दो गवाहों की भी मौत हो चुकी थी। मामले की सुनवाई के दौरान 9 गवाहों पर जानलेवा हमले भी हुए थे। आसाराम के खिलाफ गवाही देने वाले उनके पूर्व वैद्य अमृत प्रजापति पर कातिलाना हमला किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। गवाह महेन्द्र सिंह चावला पर भी जानलेवा हमला हुआ और वह गंभीर रूप से घायल हुए। गवाह राहुल के. सच्चान पर जोधपुर कोर्ट परिसर में गवाही देने के दौरान चाकुओं से हमला किया गया। वह गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसका इलाज जोधपुर के अस्पताल में करवाया गया। लेकिन उसके बाद वह कहां गया, पुलिस को अब तक पता नहीं चल पाया है। आसाराम की सजा से एक बात साफ गई कि सच को दबाया जा सकता है पर छुपाया नहीं।

 ये हुआ गवाहों का अंजाम  

  1. कृपाल सिंह(मौत)
  2. अमृत प्रजापति (मौत)
  3. अखिल गुप्ता (मौत)
  4. महेंद्र सिंह चावला (गम्भीर घायल)
  5. राहुल के. सच्चान (गम्भीर घायल)
  6. राहुल पटेल (घायल)
  7. राहुल चंडोक (घायल)
  8. दिनेश भागचंदानी (घायल)
  9. विमलेश ठक्कर (घायल)

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