एक और रेल हादसा…जी हां रेल हादसों की ख़बर आजकल आम बात हो गई है। देश के अलग-अलग हिस्सों में रेल दुर्घटनाएं होती रहती है और हमारे देश के रेल मंत्री जांच के आदेश देते रहते है। आज सुबह एक और ट्रेन हादसे की चपेट में आ गई। मेरठ से लखनऊ जा रही राज्यरानी इंटरसिटी एक्सप्रेस रामपुर से चार किमी पहले पटरी से उतर गई। शनिवार सुबह 8 बजे हुए इस हादसे में ट्रेन के 8 डिब्बे पटरी से उतर गए जिसमें करीब 15 से ज्यादा लोगों के घायल होने की ख़बर है। जख्मी लोगों को ट्रेन से निकालकर नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
राहत-बचाव कार्य जारी
बताया जा रहा है कि ट्रेन के अंदर अभी भी कई लोग फंसे हुए है जिन्हें निकालने का काम जारी है। राहत और बचाव दल मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल पहुंचा रही है। ट्रेन में मौजूद चश्मदीद यात्री ने बताया कि सब कुछ अचानक से हुआ। ट्रेन रामपुर पहुंचने वाली थी तभी अचानक ट्रेन में झटका लगा और यात्री एक दूसरे पर गिर गए। पहला झटका इतना तेज था कि हादसा होने की आशंका हो गई थी तब तक ट्रेन के पिछले डिब्बे पटरी से उतर कर पलट गए।
सीएम योगी ने मौके पर मुआवजा पहुंचाने के दिए निर्देश
हादसे पर दु:ख जताते हुए सीएम योगी ने गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रूपये और मामूली रूप घायलों से 25,000 रूपये की आर्थिक सहायता पहुंचाने की घोषणा की है। योगी के ऐलान का तुरंत पालन करते हुए सिंचाई राज्य मंत्री महेंद्र औलख ने घायलों को ये मदद मौके पर उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिए हैं।
रेलमंत्री ने किया ट्वीट
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि “मैं खुद हालात पर नजर रख रहा हूं, सीनियर अफसरों को मौके पर जाने के आदेश दिए गए हैं। घायल लोगों को तुरंत मदद के भी इंस्ट्रक्शन दिए गए हैं।” “हादसे की जांच के आदेश दिए गए हैं, लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
Personally monitoring situation.Directed senior officers to rush to the spot.Ensure speedy relief and rescue operations 1/ https://t.co/lNoLkDHcI6
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) April 15, 2017
रेलवे और रामपुल पुलिस द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर
3/#RajyaRaniExpress derailed near Rampur,No Casualties,Two Injured ,Help line no issued pic.twitter.com/kTSkJINeki
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) April 15, 2017
train accident at rampur. help line numbers pic.twitter.com/DjOrHJgkqU
— Rampur police (@rampurpolice) April 15, 2017
90 दिनों में हुए कई रेल हादसे
गौरतलब है कि पिछले 90 दिनों में देश भर में कई रेल हादसे हुए हैं जिनमें सैकड़ों लोगों की जान गई और कई घायल हो गए। इन हादसों में इसी साल 22 जनवरी को आंध्र प्रदेश में विजयनगरम जिले के कुनेरू स्टेशन के पास जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस (18448) दुर्घटनाग्रस्त होने से 32 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इससे पहले 20 नवंबर 2016 को उत्तर प्रदेश के कानपुर के पुखरायां में बड़ा रेल हादसा हुआ था। इसमें 150 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। कानपुर के रूरा में 28 दिसंबर 2016 को हुए रेल हादसे में 15 डब्बे पटरी से उतर गए थे इस हादसे में भी कई लोगों ने अपनी जान गँवाई थी। इसके अलावा 7 मार्च को भोपाल से उज्जैन जा रही एक पैंसेंजर ट्रेन नंबर 59320 में अचानक एक जोरदार धमाका हो गया। धमाके में ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतर गए और आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की जान चली गई वहीं काफी लोग घायल भी हो गए। 30 मार्च को भी उत्तरप्रदेश के महोबा–झाँसी रेलखंड पर जबलपुर से निजामुद्दीन जा रही महाकौशल एक्सप्रेस ट्रेन के आठ डब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में भी 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
सरकार का वही पुराना रवैया जारी
हादसों का यह सिलसिला लगातार जारी है और सरकार ने हमेशा की तरह मुआवजा और जांच के आदेश दे दिए हैं लेकिन क्या मुआवजों और जांच के आदेशों से किसी की जान वापस आ सकती है? पिछले हादसों की शुरुआती जांच में पता चला था कि कानपुर रेल हादसों में आईएसआई के आतंकियों का हाथ था। ऐसे आंतकियों का हाथ और रेलवे अधिकारियों की लापरवाही का शिकार आम यात्री कब तक बनते रहेंगे इसका जवाब किसी के पास नहीं है।