बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अमरनाथ यात्रा बुधवार से शुरु हो गई है। इस साल बाबा बर्फानी की यात्रा के लिए 1.96 लाख श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील इलाकों से गुजरने वाली इस यात्रा के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।

आपको बता दें कि बुधवार को अमरनाथ श्रद्धालुओं का पहला जत्था जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से गुफा की तरफ रवाना हुआ। इस बार श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। हर जत्था इसी तरह की निगरानी में रहेगा।

कश्मीर में आतंकवाद का जो रूप आज हम देख रहे हैं, वो वास्तव में 1990 के दशक में पाकिस्तान की शह पर शुरू हुआ था। इस यात्रा के लिए सुरक्षा बलों की 213 अतिरिक्त कंपनियां जम्मू-कश्मीर में तैनात की गई हैं। करीब 40 हजार जवान यात्रियों की सुरक्षा करेंगे। इनमें पैरामिलिट्री फोर्सेस यानी अर्द्ध सैनिक बलों के अलावा, राज्य पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें भी शामिल हैं।

पहली बार श्रद्धालुओं की गाड़ियों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी टैगिंग की गई है। इसके अलाव ड्रोन्स और पुलिस की मोटर साइकिल स्कवॉड भी हर पल पैनी नजर रखेगी।   इलेक्ट्रॉनिक और ह्यूमन इंटेलिजेंस की मदद ली जा रही है। श्रद्धालुओं के बीच सादे कपड़ों में पुलिस हर संदिग्ध हरकत पर नजर रखेगी।

बालटाल और पहलगाम पर नजर
कश्मीर घाटी के बालटाल और पहलगाम में श्रद्धालुओं के बेस कैम्प बनाए गए हैं। बता दें कि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमैन जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन. वोहरा हैं। बोर्ड ही इस यात्रा का आयोजन करता है।

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