दिल्ली और विदर्भ के बीच इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच में विदर्भ के तेज गेंदबाज रजनीश गुरबानी ने इतिहास रच दिया है। दूसरे दिन की सुबह गुरबानी ने यह कारनामा किया और रणजी ट्रॉफी फाइनल में ऐसा करने वाले सिर्फ दूसरे गेंदबाज बने। उनसे पहले तमिलनाडु के बी कल्याणसुंदरम ने 1972-73 के फाइनल में बांबे (मुंबई) के खिलाफ हैट्रिक ली थी। वहीं  जारी रणजी सीजन की ये दूसरी हैट्रिक है। इससे पहले कर्नाटक के तेज गेंदबाज विनय कुमार ने नागपुर में मुंबई के खिलाफ इस सीजन की पहली हैट्रिक ली थी। गुरबानी के हैट्रिक की सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने अपने तीनों विकेट बल्लेबाजों को बोल्ड करके ही लिए।

गुरबानी ने दिल्ली के पारी के 101वें ओवर की आखिरी दो गेंदों पर विकास मिश्रा और नवदीप सैनी को बोल्ड किया। फिर 103वें ओवर के पहली गेंद पर विकेट पर टिक कर खेल रहे शतकवीर ध्रुव शौरी को आउट कर गुरबानी ने हैट्रिक पूरा किया। उसी ओवर में कुलवंत को बोल्ड कर गुरबानी ने दिल्ली के पारी को 295 रनों पर समेट दिया। इस तरह गुरबानी ने 24 ओवर में 8 मेडन करते हुए हुए 59 रन देकर 6 विकेट लिए। गुरबानी ने सेमीफाइनल मैच में भी विदर्भ के लिए मैच जीताऊ गेंदबाजी कर विदर्भ को फाइनल में पहुंचाया था। इस मैच में गुरबानी ने कुल 12 विकेट लिए थे।

मैच रिपोर्ट

इससे पहले बल्लेबाजी करने उतरी दिल्ली की टीम ने ध्रुव शौरी के शतक की मदद से 295 रन बनाए। ध्रुव शोरी ने 145 रन की पारी खेली, जबकि हिम्मत सिंह ने तेज 66 रन बनाए। जबकि गौतम गंभीर, ऋषभ पंत और नीतीश राणा जैसे बड़े नाम नाकामयाब रहें। वे अच्छी शुरूआत को बड़ी पारी में बदलने में नाकामयाब रहें। खबर लिखे जाने तक विदर्भ ने 2 विकेट पर 129 रन बना लिए हैं। वसीम जाफर और गणेश सतीश 12-12 रन बनाकर खेल रहे हैं। जबकि सलामी बल्लेबाज फैज फजल ने अर्धशतकीय पारी खेली। फिलहाल रणजी ट्रॉफी के फाइनल में विदर्भ का पलड़ा अभी तक भारी चल रहा है।

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