एससी-एसटी एक्ट मामले में मोदी सरकार ने भी अपना पक्ष सदन में रखा। उन्होंने साफतौर पर कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ हैं औऱ इसके लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल किया गया है। हालांकि खबर लिखे जाने तक सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने फैसले पर कायम रहने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि हम अपने फैसले पर कायम हैं। यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि एससी-एसटी एक्ट के कारण किसी बेगुनाह को फालतू में परेशान न होना पड़े। कोर्ट अब इस मामले में दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगा। वहीं अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के हितों की रक्षा की पूरी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निरोधक कानून किसी भी तरह से कमजोर नहीं होगी और आरक्षण को लेकर फैलायी जा रही अफवाहें निराधार हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत बंद के दौरान हुई हिंसा पर मंगलवार को लोकसभा में बयान दिया। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंसा के कारण हुए नुकसान और इससे निपटने के लिए राज्यों को हर मदद दी जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की तत्परता पर संदेह न करें। आरक्षण पर फैलाई जा रही अफवाह बेबुनियाद। भारत बंद के दौरान हुई हिंसा पर राजनाथ सिंह ने कहा कि मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं और अपील करते हैं कि लोग शांति बनाए रखें।

बता दें कि एससी-एसटी ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मोदी सरकार भी घिरी हुई है। विपक्ष ने केंद्र पर इस मामले की पैरवी ठीक से नहीं करने का आरोप लगाया है। इसी संदर्भ में राजनाथ सिंह ने आज लोकसभा में कहा कि एनडीए सरकार ने एससी-एसटी ऐक्ट को कमजोर नहीं किया है बल्कि 2015 में इसमें संशोधन कर इसे और भी मजबूत बनाया है।

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