मुंबई में विश्व कप 2011 के फाइनल में यादगार छक्का जड़कर भारत को खिताब दिलाने के ठीक सात साल बाद महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर सभी के आकर्षण का केंद्र बने, जब इस मानद लेफ्टिनेंट कर्नल ने सेना की पोशाक में पद्म भूषण पुरस्कार स्वीकार किया…. धोनी के लिए यह खुशनुमा संयोग रहा कि उन्हें यह प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान विश्व कप जीत की सातवीं वर्षगांठ के मौके पर दिया गया.

महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय सेना ने लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि दी हुई है, इसलिए धोनी फौजी की वर्दी में इस समारोह में शामिल हुए. पद्म भूषण पुरस्कार स्वीकार करने के लिए धोनी सेना की वर्दी में एक फौजी की तरह मार्च करते हुए आए. उन्होंने राष्ट्रपति को सैल्यूट किया और फिर पुरस्कार स्वीकार किया.

राष्ट्रपति भवन में जब धोनी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से इस सम्मान को लेने पहुंचे तो हर कोई चौंक गया. क्योंकि धोनी वहां एक क्रिकेटर नहीं बल्कि सेना के अफसर के अवतार में वर्दी पहनकर पहुंचे थे. तभी से सवाल उठ रहा था कि आखिर धोनी आर्मी की ड्रेस पहनकर क्यों पहुंचे थे, जिसके बाद खुद धोनी ने इसका जवाब दिया ..

धोनी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इस बारे में पोस्ट किया कि पद्म भूषण सम्मान से नवाजा जाना एक बड़ी बात है और इसे आर्मी की यूनिफॉर्म में रिसीव करना इस खुशी को दस गुना बढ़ा देता है. धोनी ने इस मौके पर सेना के जवानों का भी शुक्रिया किया. उन्होंने लिखा कि जो भी महिला या पुरुष वर्दी में रहकर देश की सेवा कर रहे हैं और उनके परिवार भी जो कष्ट उठा रहे हैं उसके लिए उनका धन्यवाद. आपकी कुर्बानी की वजह से ही हम लोग खुशी मना पाते हैं और अपने अधिकारों को जी पाते हैं

महेंद्र सिंह धोनी ने न सिर्फ सेना की वर्दी पहनी, बल्कि उन्होंने जवान के अंदाज में मार्च पास्ट कर यह सम्मान हासिल किया. वहीं उनके इस अंदाज पर उनकी पत्नी साक्षी भी कायल हो गईं और उन्हें टुक-टुक देखती रहीं.

आपको बता दें कि पद्म भूषण देश का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है

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