Prmotion in Reservation: राज्यवर सुनवाई करेगा Supreme Court, राज्यों को रिपोर्ट पेश करने का दिया आदेश

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Supreme Court
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पदोन्नति में आरक्षण (Prmotion in Reservation) को लागू करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि, इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट विस्तृत और राज्यवर सुनवाई करेगा क्योंकि हर राज्य का मुद्दा भिन्न है। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकारों को आदेश देते हुए कहा कि, अपने राज्य के मुद्दों की पहचान कर उनकी रिपोर्ट बनाकर कोर्ट में दो हफ्ते के भीतर रिपोर्ट को पेश करें।

5 अक्तूबर से होगी अंतिम सुनवाई

कोर्ट ने कहा कि वो देश भर में नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण को लेकर मामलों की 5 अक्तूबर से अंतिम सुनवाई शुरू करेगा। केंद्र और राज्य सरकारों ने ‘रिजर्वेशन इन प्रमोशन’ के मुद्दे पर तत्काल सुनवाई की मांग की है। इस मामले में 133 याचिकाएं देश भर से दाखिल की गई हैं। सभी याचिकाओं में राज्य के स्तर पर जटिल समस्याओं को उठाया गया है।

बता दें कि इस मामले पर इलाहाबाद, बंबई और दिल्ली हाई कोर्ट में पहले ही सुनवाई हो चुकी है इन सभी कोर्ट ने अलग अलग  फैसला दिया कि प्रमोशन में आरक्षण लागू होग भी या नहीं, कैसे लागू होगा, क्या प्रक्रिया  होगी ? इस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी एक फैसला दिया है जिसे नागराज जजमेंट कहते हैं, लेकिन फिर भी इस मामले में पूरी तरह से हर मुद्दे पर कन्फ्यूजन दूर नहीं हुआ और कई अनसुलझे सवाल हैं।

नीति लागू करने के लिए राज्यों पर छोड़ा फैसला

इस मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट विस्तृत सुनवाई करेगा। आज की सुनवाई में केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा की 2017 से केंद्र सरकार में प्रमोशन में आरक्षण रुका हुआ है। वेणुगोपाल के मुताबिक केंद्र सरकार ने एड हॉक बेसिस पर 4100 नियुक्तियां की हैं। लेकिन ये रेगुलर होंगे या नहीं वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा। फिलहाल, केंद्र में 2500 रिक्त पद हैं, जिनपर नियुक्ति नहीं हो पा रही है। सरकार को समझ नही आ रहा को इसमें नियुक्ति किस तरह से हो।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पिछड़ेपन को निर्धारित करने के मामले पर विचार करने के बारे में हम पहले ही आदेश दे चुके हैं। अब हम इस मामले पर आगे नीति निर्धारित नहीं कर सकते। यह राज्यों के ऊपर निर्भर है कि वह नीति लागू करे।

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