हिंदुओं के लिए कैलाश मानसरोवर का मतलब भगवान का साक्षात् दर्शन करना है। कैलाश मानसरोवर को ब्रह्मांड का केंद्र माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पहाड़ों की चोटी वास्तव में सोने के बने कमल के फूल की पंखुड़ियां हैं जिन्हें भगवान विष्णु ने सृष्टि की संरचना में सबसे पहले बनाया था। इन पंखुड़ियों के शिखरों में से एक है कैलाश पर्वत। इस पर्वत पर भगवान शिव ध्यान की अवस्था में लीन हैं। इसलिए हिंदूओं के लिए यह एक प्रमुख तीर्थस्थल है। ऐसे में भक्तजनों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी हो सकती है। दरअसल,डाक विभाग के माध्यम से देश के कोने-कोने में गंगाजल पहले से ही मिल रहा है। अब डाक विभाग जगह-जगह कैलाश मान सरोवर का भी जल पहुंचाएगा। इसकी घोषणा केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग  राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने राजगीर में अखिल भारतीय डाक अधीक्षक एवं सहायक डाक अधीक्षक के दो दिवसीय 40वें द्विवार्षिक सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए की।

गिरिराज सिंह ने कहा कि पाकिस्तान बेशर्मी पर आमादा है। गिरिराज सिंह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के आने के बाद देश तेजी गति से विकास कर रहा है। डाकघरों में पहले सिर्फ चिठ्ठी पहुंचाने की व्यवस्था थी। आज इसमें काफी बदलाव हुआ है। पहले स्टांप की बिक्री ज्यादा नहीं होती थी, आज हो रही है। उन्होंने कहा कि देश की आबादी 134 करोड़ हो गई है। कोशिश करूंगा कि डाक विभाग को भी ई-कॉमर्स का सेंटर बना दिया जाए। विभाग को फसल बीमा का भी काम दिया जाए। देश के विकास में डाक विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

बता दें कि 10 जुलाई को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और मनोज सिन्हा ने ही ऐसी योजना का शुभारंभ किया था। इसमें  देश के सभी डाकघरों से गंगाजल खरीदा जा सकेगा और यदि कोई चाहे तो डाक विभाग  उसके घर तक गंगाजल पहुंचाएगा।

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