पूल राइड्स और कैब शेयरिंग की सुविधा अब शायद दिल्ली में चलने वाली कैब में न मिले।    दिल्ली में चल रही ऐप बेस टैक्सी की सेवाओं में पूल राइड या कैब शेयरिंग की सेवा पर जल्द रोक लग सकती है। वहीं ऐप बेस टैक्सी ऑपरेटर्स को गाड़ियों का रियल टाइम जीपीएस डेटा दिल्ली के ट्रांस्पोर्ट विभाग के साथ साझा करने के लिए भी कहा जा सकता है। इस तरह के कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर वार्ता करने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से सोमवार को एक हाई पावर कमेटी की बैठक की गई।

बैठक में चर्चा हुई कि नियमों के अनुसार एक ही कैब कई लोगों को एक ही बार में अलग-अलग जगह से पिक और ड्रॉप नहीं कर सकती। साथ ही उन्होंने बताया कि इन टैक्सियों से पार्किंग प्रूफ की भी मांग की जा सकती है। साथ ही इन्हें सिर्फ सीएनजी या एलपीजी ही इस्तेमाल करना होगा। इसके अलावा दिल्ली में चल रही दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड गाड़ियों को दिल्ली में काउंटरसाइन करवाना होगा। फिलहाल दिल्ली में ऐप बेस्ड ट्रैक्सी सर्विस को ट्रांसपॉर्ट विभाग जीपीएस के जरिए ट्रैक नहीं करता है लेकिन कमिटी चाहती है कि ऐसा किया जाए।

ऐप बेस्ड कैब और प्रीमियम बस सर्विस की लाइसेंसिंग और रेग्यूलेशन के लिए ट्रांसपॉर्ट विभाग की टैक्सी स्कीम 2017 की पॉलिसी को अंतिम रूप देने के लिए जनवरी में 5 सदस्यों वाली कमिटी बनाई गई थी। इस कमिटी के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन हैं, साथ ही इस कमिटी में यातायात मंत्री कैलाश गहलोत, मुख्य सचिव अंशु प्रकाश, वित्तिय मुख्य सचिव और आशीष खेतान शामिल हैं। हालांकि इस पर फैसला कमिटी की अगली बैठक में लिया जाएगा जिसकी तारीख अभी तय नहीं की गई है।

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