आने वाले दिनों में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में पीने के पानी की किल्लत दूर हो जाएगी। उत्तराखंड में चार हजार करोड़ की लागत से बनने वाले लखवाड़ बांध के लिए छह राज्यों के बीच समझौता हुआ है। यमुना नदी पर बनने वाले बांध से जहां दूसरे राज्यों को पीने का पानी मिलेगा। वहीं उत्तराखंड को बांध से पैदा होने वाली बिजली मिलेगी।दिल्ली में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी के साथ बैठक में इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए।

उत्तराखंड में देहरादून जिले के लोहारी गांव के पास ऊपरी यमुना बेसिन क्षेत्र में करीब चार हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना के लिए छह राज्यों के बीच समझौता हुआ। दिल्ली में जल संसाधन और नदी विकास मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, राजस्थान की सीएम वसुन्धरा राजे, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल, हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।

लखवाड़ परियोजना के तहत 204 मीटर ऊंचा कंक्रीट का बांध बनाया जाएगा। इससे 33 हजार 780 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई तो होगी ही। यमुना बेसिन क्षेत्र वाले छह राज्यों में घरेलू तथा औद्योगिक इस्तेमाल और पीने के लिए पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा। परियोजना से 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इस इकाई पर 1388 करोड़ 28 लाख रुपए की लागत आएगी। उत्तराखंड सरकार इसका वहन करेगी और इसमें तैयार बिजली का पूरा लाभ उत्तराखंड को मिलेगा। परियोजना निर्माण का काम उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड करेगा। परियोजना से जुड़े सिंचाई और पीने के पानी की व्यवस्था वाले हिस्से के कुल 2578.23 करोड़ के खर्च का 90 प्रतिशत यानी लगभग 2320.41 करोड़ रुपये केन्द्र सरकार वहन करेगी। जबकि बाकी 10 प्रतिशत का खर्च छह राज्यों के बीच बांट दिया जाएगा।

इस परियोजना के तहत एकत्र जल का बंटवारा यमुना के बेसिन क्षेत्र वाले छह राज्यों के बीच 12 मई 1994 को किये गये समझौता के अनुरूप किया जाएगा।.परियोजना के अलावा ऊपरी यमुना क्षेत्र में किसाऊ और रेणुकाजी परियोजनाओं का निर्माण भी होना है। किसाऊ परियोजना के तहत यमुना की सहायक नदी टौंस पर देहरादून जिले में 236 मीटर ऊंचा कंक्रीट का बांध बनाया जाएगा। वहीं रेणुकाजी परियोजना के तहत यमुना की सहायक नदी गिरि पर हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में 148 मीटर ऊंचे बांध का निर्माण किया जाएगा।समझौते पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खुशी जताते हुए कहा कि लखवाड़ राष्ट्रीय परियोजना है। इससे सभी साझेदार राज्यों को लाभ होगा।

इस परियोजना के पूरे होने पर जनवरी से मई-जून के बीच दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में होने वाली पानी कि किल्लत को दूर करने में मदद मिलेगी। क्योंकि इससे यमुना के जल संग्रह क्षमता में 65 फीसदी वृद्धि होने का अनुमान है। एक अनुमान के मुताबिक इस परियोजना से उत्तराखंड जब बिजली तैयार करेगा, उस समय उसका पानी यमुना में आयेगा। इससे 20 से 25 साल तक दिल्ली में पानी की समस्या नहीं रहेगी।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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