आम आदमी पार्टी लगातार अपने नेताओं के कारण मुसीबत झेल रही है। हाल ही में दो दिग्गज नेताओं ने अपने निजी कारणों से पार्टी से इस्तीफा दे दिया तो वहीं दूसरी तरफ अब एक नेता ने अपना सरनेम बदल लिया जिससे विपक्षियों को पार्टी पर आरोप लगाने का मौका मिल गया। आम आदमी पार्टी की ईस्ट दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की प्रभारी और उम्मीदवार आतिशी मार्लेना ने अपने नाम से मार्लेना शब्द हटा दिया है। उनके करीबियों के मुताबिक इस तरह की अफवाहें फैल रही थी कि आतिशी विदेशी हैं या ईसाई हैं, जिससे लोगों के बीच काम की चर्चा न होकर इस पर ही चर्चा फोकस होने की आशंका थी। इस वजह से आतिशी ने यह फैसला लिया। जबकि खबर ये भी मिल रही है कि अपने सरनेम की वजह से वे ईसाई लगती थीं, आगामी चुनाव में बीजेपी इस बात का फायदा न उठा सके, इसलिए उन्होंने अपना सरनेम हटा लिया। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि पार्टी हाईकमान ने ही आतिशी को ऐसा करने के लिए कहा था।

पार्टी पर लग रहे आरोपों को देखते हुए पार्टी ने विपक्षियों को जवाब देते हुए कहा कि वो बेफिजूल का इल्जाम पार्टी पर न लगाएं। पार्टी ने इनकार किया है कि क्रिश्चियन नाम जैसा लगने के कारण उनके ऊपर ‘मार्लेना’ शब्द हटाने का कोई दबाव बनाया गया है। पार्टी में ही किसी सूत्र ने बताया कि उनका सरनेम ‘मार्लेना’ नहीं है बल्कि ‘सिंह’ है। मारलेना सरनेम उनके मां-बाप ने उन्हें दिया था। अब उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए सिर्फ ‘आतिशी’ नाम का प्रयोग करने का फैसला लिया है।

इस मामले में आशुतोष के ट्वीट से मामला और भी गरमा गया। आशुतोष ने ट्वीट में लिखा है- मेरे पत्रकार जीवन के 23 साल के लंबे करियर में किसी ने कभी मेरे सरनेम या जाती के बारे में नहीं पूछा। लेकिन जब 2014 में जब मेने लोकसभा का चुनाव लड़ा तो मुझे अपने नाम के साथ सरनेम लगाने को कहा गया। इसका मैंने विरोध भी किया था। जिन लोगों ने मुझे ऐसा करने को कहा था उनका कहना था कि उस इलाके में बड़ी संख्या में मेरी जाति के लोग रहते हैं। यदि आप अपनी जाति नहीं बताएंगे तो आपको वोट कैसे मिलेंगे?’ हालांकि बाद में एक और ट्वीट करके उन्होंने अपना स्पष्टीकरण दिया है।

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