आतंक का साया इतना बढ़ गया है कि अब पुलिसकर्मियों के डरे-सहमे होने की खबर आने लगी है। ऐसे में आम आदमी का क्या हाल होगा इसका अंदाजा भी लगाया जा सकता है। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने तीन पुलिसकर्मियों को अगवा कर उनकी हत्या कर दी है। उनके इस कदम के बाद खबर आ रही है कि राज्य में कई पुलिसकर्मी अपना इस्तीफा दे रहे हैं और कई डरे-सहमें हुए हैं। दरअसल, तीन हत्याओं के बाद कश्मीर के पुलिस विभाग से जुड़े एसपीओ अब विभाग का साथ छोड़ रहे हैं। हत्या की घटना के कुछ देर बाद ही सोशल मीडिया पर सात पुलिसकर्मियों के इस्तीफे का वीडियो वायरल हुआ था। कुछ एसपीओ ने सामने आकर अपनी पहचान उजागर कहते हुए इस्तीफे की बात कही है। हालांकि गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन द्वारा तीन पुलिसकर्मियों की हत्या किए जाने के बाद किसी पुलिसकर्मी ने इस्तीफा नहीं दिया है।

गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के हवाले से कहा है कि यह रिपोर्ट गलत और प्रायोजित है। इस तरह की रिपोर्ट कुछ शरारती तत्वों द्वारा गलत प्रॉपेगैंडा पर आधारित है। गृहमंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि किसी भी एसपीओ ने इस्तीफा नहीं दिया है। जो भी खबरें मी़डिया में आ रही हैं वह गलत है। गृहमंत्रालय ने कहा कि राज्य में 30,000 SPO हैं, जिनकी ड्यूटी लगातार रिव्यू होती रहती है। मंत्रालय ने कहा कि इसी वर्ष में सिर्फ शोपियां में ही 28 आतंकियों को मार गिराया गया है, यही कारण है कि शोपियां में आतंकी बौखलाए हुए हैं।

खबरों के मुताबिक, शुक्रवार सुबह जैसे ही खबर आई कि आतंकियों ने 3 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया है। उसके बाद पुलिसकर्मियों में भय का माहौल बन गया। मारे गए पुलिसकर्मियों की पहचान कॉन्स्टेबल निसार अहमद और दो स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) फिरदौर अहमद और कुलवंत सिंह के रूप में हुई

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