गरीबी भारत के लिए बड़ी समस्या है। देश की राजनीति भी गरीबी के इर्द-गिर्द घूमती नजर आती है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत को गरीबी हटाने के दिशा में भारत को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। पिछले दस सालों में देश में करीब 27 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। UNDP की ओर से शुक्रवार को जारी ताजा मानव विकास सूचकांक में भारत 189 देशों में एक स्थान ऊपर चढ़कर 130वें स्थान पर पहुंच गया है। हालांकि अभी भी 36 करोड़ से ज़्यादा लोग किसी न किसी रूप में ग़रीबी झेल रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 1990 से 2017 के बीच सकल राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय में 266.6 फीसदी का इजाफा हुआ है। भारत की क्रय क्षमता के आधार पर प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय  करीब 4.55 लाख रुपये पहुंच गई है। जो पिछले साल से 23,470 रुपये अधिक है।

संयुक्त राष्ट्र के तहत काम करने वाली संस्था संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ग़रीबी के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवेलपमेंट इनिसिएटिव की रिपोर्ट ने एक रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के मुताबिक 2005-06 और 2015-16 के बीच भारत में ग़रीबी में जीने वाले लोगों की संख्या देश की कुल जनसंख्या का 27.5 फीसदी रह गई है। पहले 54.1 फीसदी आबादी ग़रीबी में जीवनयापन करती थी।

रिपोर्ट के मुताबिक इन दस सालों के दौरान 27.1 करोड़ लोग ग़रीबी के जीवन से बाहर आए हैं। हालांकि ये भी सच्चाई है कि भारत में अभी भी 36.4 करोड़ लोग ग़रीबी में ही जी रहे हैं.।अगर 10 साल से कम उम्र की बात की जाए तो भारत में हर 4 में से 1 बच्चा ग़रीबी में जी रहा है।

हालांकि इस रिपोर्ट का एक चिंताजनक पहलू ये है कि भारत के आधे से ज़्यादा ग़रीब परम्परागत तौर पर ग़रीब राज्यों में रहते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार , झारखंड , उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में देश के 19.6 करोड़ ग़रीब निवास करते हैं। जबकि दिल्ली, केरल और गोवा में इनकी संख्या सबसे कम है। वैसे रिपोर्ट का एक संतोषजनक पहलू ये है कि पिछले कुछ सालों में इन राज्यों में ग़रीबी निवारण की दिशा में अच्छी प्रगति हुई है। झारखंड इस दिशा में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला राज्य बना है।

UNDP के इंडिया निदेशक फ्रांकईंन पिकप के मुताबिक़ ये रिपोर्ट ग़रीबी हटाने की दिशा में भारत की ओर से उठाए गए कदमों के परिणाम है। उनका कहना है, “ये और भी उत्साहवर्धक है कि परम्परागत तौर पर पिछड़े रहे वर्ग सबसे तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। ये बात पीएम नरेंद्र मोदी में सबका साथ सबका विकास के नारे में भी परिलक्षित होती है।”

सार्क देशों में मालदीव सबसे कम ग़रीब
हिन्द महासागर में बसे मालदीव में दक्षिण एशिया के सबसे कम ग़रीब लोग निवास करते हैं। इस देश में केवल 1.9 % लोग ग़रीब हैं। वैसे पाकिस्तान (43.9 %) , बांग्लादेश (41.1 %) और नेपाल (35.1%) के मुकाबले भारत की 27.5% लोग ही ग़रीबी में जीवनयापन करते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here