देश को एक सूत्र में बांधने वाले आजाद भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की आज 143वीं जयंती है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सरदार वल्लभभाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण किया। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की प्रतिमा को देश-दुनिया में शिल्प कला की मिसाल के तौर पर भी पेश किया जा रहा है, इस प्रतिमा को पद्मभूषण से सम्मानित 92 वर्षीय शिल्पकार राम वी. सुतार ने डिजाइन किया है। इससे पहले भी वे सैकड़ों प्रतिमाएं बना चुके हैं। जिसमें संसद भवन परिसर में लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा भी शामिल है।

सरदार पटेल की इस मूर्ति की ऊंचाई 182 मीटर है, जो दुनिया में सबसे ऊंची है। सरदार पटेल की इस मूर्ति के अलावा आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वैली ऑफ फ्लोवर्स’, टेंट सिटी का भी उद्घाटन किया। इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई बड़े नेता भी मौजूद रहे।


सरदार पटेल की प्रतिमा को देश को समर्पित कर पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरा देश सरदार पटेल की स्मृति में राष्ट्रीय एकता दिवस मना रहा है।  किसी भी देश के इतिहास में ऐसे अवसर आते हैं, जब वो पूर्णता का अहसास कराते हैं। आज वही पल है जो देश के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो जाता है, जिसे मिटा पाना मुश्किल है। दुनिया की ये सबसे ऊंची मूर्ति पूरे विश्व को, हमारी भावी पीढ़ियों को उस व्यक्ति के साहस सामर्थ्य और संकल्प की याद दिलाती रहेगी।

PM मोदी ने कहा कि हम आजादी के इतने साल तक एक अधूरापन लेकर चल रहे थे, लेकिन आज भारत के वर्तमान ने सरदार के विराट व्यक्तित्व को उजागर करने का काम किया है। आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, तो ये काम भविष्य के लिए प्रेरणा का आधार है।

पीएम मोदी ने कहा कि चाहे जितना दबाव, मतभेद क्यों ही ना हो लेकिन प्रशासन में गवर्नेंस को किस तरह स्थापित किया जाता है, ये सरदार साहब ने करके दिखाया है। अगर सरदार साहब ने संकल्प नहीं किया होता तो आज गिर के शेर को देखने के लिए और शिवभक्तों के लिए सोमनाथ की पूजा करने के लिए, हैदराबाद में चारमिनार को देखने के लिए वीजा लेना पड़ता।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की खास बातें:

सरदार वल्लभभाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी‘ मूर्ति की लंबाई 182 मीटर है और यह इतनी बड़ी है कि इसे 7 किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता है। बता दें कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ ऊंचाई में अमेरिका के ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ (93 मीटर) से दोगुना है। इस मूर्ति में दो लिफ्ट भी लगी है, जिनके माध्यम से आप सरदार की तक छाती पहुंचेंगे और वहां से आप सरदार सरोवर बांध का नजारा देख सकेंगे और खूबसूरत वादियों का मजा ले सकेंगे। सरदार की मूर्ति तक पहुंचने के लिए पर्यटकों के लिए पुल और बोट की व्यवस्था की जाएगी।

आपको बता दें, यह स्टैच्यू 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवा में भी स्थिर खड़ा रहेगा। यह 6.5 तीव्रता के भूकंप को भी सह सकता है। इस मूर्ति के निर्माण में भारतीय मजदूरों के साथ 200 चीन के कर्मचारियों ने भी हाथ बंटाया है। इन लोगों ने सितंबर 2017 से ही दो से तीन महीनों तक अलग-अलग बैचों में काम किया।

यह प्रतिमा देश को समर्पित करने से पहले पीएम मोदी ने एक ट्वीट भी किया। उन्होंने लिखा, ‘सरदार पटेल की जयंती के मौके पर, ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ राष्ट्र को समर्पित की जाएगी। नर्मदा के तट पर स्थित यह प्रतिमा महान सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि है।’

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