विश्व में भगवान कृष्ण का संदेश फैलाने वाली संस्था अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ यानी इस्कॉन ने सबसे बड़ी धार्मिक पुस्तक तैयार की है। जिसका वजन 800 किलो है। इसे तैयार करने के लिए सिंथेटिक कागज, सोना, चांदी और प्लेटिनम जैसी धातुओं का भी इस्तेमाल हुआ है।
भगवद्गीता इतनी बड़ी है कि इसके एक पन्ने को पलटने में चार लोग लगते हैं। इस किताब को इस्कॉन इटली ने बनवाया है। इस्कॉन के सभी केंद्रों से राशि जमा करके इसे बनाया गया है। इसके निर्माण में लगभग डेढ़ करोड़ का खर्च आया है। भगवद्गीता को समुद्री रास्ते से गुजरात के मुंद्रा लाया गया।
15 फरवरी को इसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। जिसके बाद इसे दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में रखा जाएगा। इसे रखने के लिए दो टन का हाइड्रॉलिक स्टैंड बनाया गया है। इस किताब की लंबाई 12 फीट और चौड़ाई 9 फीट है। इसके निर्माण में ढ़ाई साल का समय लगा जबकि डेढ़ करोड़ की लागत आई।
ट्रस्टी और मैनेजिंग डायरेक्टर महाश्वेता दास बताती है कि कुछ समय पहले वह इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रीमद् एसी भक्ति वेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद फैलाने और लोगों को भगवद्गीता पढ़ने के लिए प्रेरित करने के बारे में सोच रही थी तभी अचानक उनके मन में सबसे बड़ी धार्मिक पुस्तक के निर्माण का ख्याल आया। यह किताब 12 फीट लंबी और 9 फीट चौड़ी है। इसके पन्नों को जोड़ने के लिए जापानी बाइंडिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।