केरल के कोझिकोड़ में एक वायरस बहुत ही तेजी के साथ फैल रहा है। इस वायरस ने महज दो हफ़्तों में एक ही परिवार के तीन लोगों समेत 10 से अधिक लोगों की जान ले ली है। पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी (NIV) ने इसके पीछे ‘निपाह’ नाम के एक वायरस को जिम्मेदार बताया है। वहीं केरल सरकार ने केंद्र सरकार से इस वायरस से निपटने के लिए मदद मांगी है। इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एनसीडीसी की टीम को केरल का दौरा करने का आदेश दिया है।
इस बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया, कि निपाह वायरस चमगादड़ से फलों में और फलों से इंसानों और जानवरों में फैलता है। इस वायरस से मौत के मामले सबसे पहली बार 1998 में मलेशिया के कांपुंग सुंगई निपाह में सामने आए थे। इस जगह के नाम के कारण ही इसे निपाह वायरस नाम दिया गया है। भारत में यह वायरस केरल में पहली बार सामने आया है। इस वायरस से प्रभावित लोगों को सांस लेने की दिक्कत होती है फिर दिमाग में जलन महसूस होती है।
लक्षण:
- निपाह वायरस के शरीर में जाने पर बुखार, सिरदर्द, चक्कर, सोचने में दिक्कत मानसिक भ्रम जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
- ये वायरस तेजी से फैलता है और दिमाग को प्रभावित करता है।
- इससे प्रभावित व्यक्ति 48 घंटों के अंदर ही कोमा में जा सकता है।
- सही वक्त पर उपचार नहीं मिलने पर मरीज की मौत हो सकती है।
उपाय:
- ये बीमारी छूने से भी फैलती है ऐसे में मरीज से दूरी बनाए रखने की सलाह दी जाती है।
- मरीज की मौत हो जाने की स्थिति में उसके शव को भी न छूने की हिदायत दी जाती है।
- अब तक इस वायरस से जुड़ी कोई वैक्सीन नहीं आई है। ऐसे में इस वायरस से बचने के लिए फलों, खासकर खजूर न खाने की सलाह दी जाती है।
- पेड़ से गिरे फलों को नहीं खाना चाहिए और बीमार सूअरों और दूसरे जानवरों से दूर रहना चाहिए।