प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने व्यवस्था में अनुशासन के महत्व को प्राथमिक बताते हुये कहा है कि इन दिनों अनुशासन को ‘‘निरंकुशता’’ करार दिया जाता है। पीएम मोदी ने इशारों -इशारों में विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि आज अनुशासन की बात कहने पर विपक्ष अलोकतांत्रिक, तानाशाह करार दे देता है। पीएम मोदी ने इसके अलावा कहा कि अगर हम अनुशासन की बात करते हैं तो कहा जाता है कि कड़ाई की जा रही है, ऑटोक्रेसी की बात की जाती है। यह बात उन्होंने रविवार को उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू की पुस्तक ‘मूविंग ऑन मूविंग फॉरवर्ड’ के विमोचन समारोह में उपराष्ट्रपति की अनुशासनप्रिय कार्यशैली का जिक्र करते हुये कहा। उन्होंने कहा कि  दायित्वों की पूर्ति में सफलता के लिये नियमबद्ध कार्यप्रणाली अनिवार्य है। व्यवस्था और व्यक्ति, दोनों के लिये यह गुण लाभप्रद होता है।

इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि   ‘सितारों के आगे जहां और भी हैं, अभी इश्क के इम्तेहां और भी हैं।’ वहीं, इस दौरान पीएम मोदी ने वेंकैया नायडू के अनुशासन की तारीफ करते हुए देश की मौजूदा स्थिति पर भी टिप्पणी की। अपने संबोधन में पीएम मोदी वेंकैया नायडू के व्यक्तित्व की प्रशंसा कर रहे थे, साथ ही संगठन में उनके साथ रहे अपने अनुभव साझा कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने बताया कि नायडू जी के जीवन में अनुशासन बेहद अहम रहा है।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि, इस किताब में वेंकैया नायडू उपराष्ट्रपति कार्यकाल में अपने राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव को शामिल करते हैं, और यह उनके एक साल के कार्यकाल में काफी हद तक परिलक्षित होता है। लेकिन सबसे अच्छा अभी भी आने वाला है।

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