विधानसभा चुनावों में हार के बाद बीजेपी अब अपनी रणनीति बदलने पर विचार कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी किसानों की कर्ज माफी पर विचार कर सकते हैं। आने वाले लोकसभा चुनावों के लिए भी किसानों की कर्जमाफी एक बड़ा मुद्दा है।

बीजेपी को तीन राज्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की सत्ता गंवानी पड़ी है, जहां ज्यादातर लोग कृषि पर निर्भर हैं। कांग्रेस ने इन तीनों ही राज्यों में कृषि लोन माफ करने का एलान किया था और बीजेपी पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया था।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी की हार की एक वजह किसानों में नाराजगी है। सूत्रों के मुताबिक, देश के 26.3 करोड़ (263 मिलियन) किसानों और उन पर आश्रित लोगों की मदद के लिए केंद्र की मोदी सरकार कर्जमाफी की योजना जल्द ही तैयार करेगी।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि करीब 4 लाख करोड़ रुपये (56 बिलियन डॉलर) तक के कर्ज की माफी हो सकती है। पूर्व की यूपीए सरकार ने साल 2008 में करीब 72 हजार करोड़ रुपये तक की कर्जमाफी की थी।

इसका फायदा मिला और उसे 2009 के चुनाव लगातार दूसरी बार सत्ता मिली थी। ध्यान रहे कि हालिया विधानसभा चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने छोटे किसानों की कर्जमाफी का एलान किया है।

उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब समेत अन्य राज्यों ने कर्जमाफ किये हैं। देशभर में किसान कर्जमाफी की मांग उठती रही है। इसको लेकर दिल्ली, मुंबई, मंदसौर, जयपुर में किसान कई दफे आंदोलन कर चुके है।

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