शिवराज सरकार ने 5 संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया…तो, भला सूबे का सियासी तापमान कैसे नहीं बढ़ता…राज्य में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और इन सबके बीच अचानक पांच बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने पर सियासी घमासान तेज हो गया है…शिवराज सरकार ने जिन पांच बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है…उनमें कंप्यूटर  बाबा, भय्यूजी महाराज, नर्मदानंद, हरिहरनंद, पंडित योगेंद्र महंत के नाम शामिल हैं…अब इस फैसले पर हंगामा तो मचना ही है…

अब तो इसे हाई कोर्ट में भी चुनौती दे दी गई है…राम बहादुर शर्मा ने हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में शिवराज सरकार द्वारा पांच बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की है…दरअसल, कंप्यूटर बाबा और योगेंद्र महंत ने सरकार के खिलाफ नर्मदा घोटाला यात्रा निकालने का ऐलान किया था…इसके लिए उन्होंने 28 मार्च को इंदौर में किये गए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कंप्यूटर बाबा ने सीएम शिवराज की नर्मदा यात्रा वृक्षारोपण पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाए थे…उन्होंने एक अप्रैल से नर्मदा घोटाला यात्रा निकालने का ऐलान किया था…लेकिन, ओहदा मिलने के आदेश के बाद बाबाओं के सुर बदल गए…सरकार के खिलाफ यात्रा से पहले बाबा ने शिवराज का हाथ थाम लिया है…राज्यमंत्री का दर्जा मिलते ही कभी विरोध के सुर तेज करने वाले कंप्यूटर बाबा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गुणगान करते हुए नजर आए…कहा कि, अब राज्यमंत्री का दर्जा है तो सहायक और सुरक्षा दोनों चाहिए…अब हम नर्मदा के संरक्षण के लिए काम करेंगे… कंप्यूटर बाबा ने तो शिवराज सरकार को सर्वश्रेष्ठ सरकार का तमगा तक दे दिया…

वहीं, सोशल मीडिया में सरकार के खिलाफ अभियान चलाने वाले महंत योगेंद्र भी मुख्यमंत्री शिवराज का गुणगान करते हुए नजर आए…उन्होंने मीडिया से कहा कि, संतों की यह समिति नर्मदा का नियमित प्रवाह सुनिश्चित करेगी…

सूत्रों के मुताबिक, आंदोलन की खबर मिलने के बाद शिवराज के करीबी माने जाने वाले मंत्री रामपाल सिंह ने बाबाओं से संपर्क किया…खासतौर पर उन्होंने कंप्यूटर बाबा और महंत से बातचीत की…इसी बातचीत में राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने की बात पर सौदा तय हुआ…सौदे के तहत यात्रा रोकी गई और सरकार ने आनन-फानन में राज्यमंत्री दर्जे के आदेश पारित कर दिए…खबर तो ये भी है कि, भय्यूजी महाराज और एक अन्य बाबा का नाम इसलिए जोड़ा गया कि, कोई सवाल न उठा सके…उदयवीर सिंह देशमुख उर्फ भय्यूजी महाराज ने खुद को राष्ट्रवादी संत बताया और देशहित के किसी भी काम से जुड़ने के लिए हमेशा तैयार रहने की बात कही…लेकिन राज्यमंत्री के दर्जे के साथ मिलने वाली सुविधाएं लेने से इनकार कर दिया है…

—एपीएन ब्यूरो

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