योग गुरू बाबा रामदेव का पतंजलि  फूड पार्क  के किसी अन्य राज्य में शिफ्ट करने की चर्चाओं पर फिलहाल विराम लग गया है। बाबा राम देव के सहयोगी बाल कृष्ण द्वारा नाराजगी जताए जाने के बाद प्रदेश सरकार पतंजलि आयुर्वेद लि. की शर्तें मानने को तैयार हो गई है। औद्यौगिक विकास विभाग के अधिकारी तेजी से हरकत में आ गए हैं। बुधवार को हुई कई उच्चस्तरीय बैठकों के बाद तय किय गया कि अगले मंगलवार को होने वाले कैबिनेट बैठक में पतंजलि के लिए संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जाए।

प्रदेश सरकार पतंजलि आयुर्वेद लि. की शर्तों को मानने को तैयार हो गई है। पतंजलि के पूर्व में दिए गए प्रस्ताव को 12 जून मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। संशोधन प्रस्ताव में पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क को 91 एकड़ भूमि देने का फैसला हुआ है।

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वहीं इस मुद्दे पर पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर और पतंजलि योगपीठ के सह-संस्थापक आचार्य बालकृष्ण ने कहा है कि प्रदेश सरकार का संदेश बुधवार को उन्हें मिल गया है। सरकार ने एक महीने में प्रोजेक्ट को मंजूरी देने का वादा किया है। इससे पहले पतंजलि ने एक साल से प्रोजेक्ट को अनुमोदित करने के लिए अलग-अलग स्तर पर प्रयास किए लेकिन सहयोग नहीं मिला। इसी कारण प्रोजेक्ट को अन्यत्र शिफ्ट करने पर विचार करने की नौबत आ गई।

आपको बता दे कि बाबा रामदेव के करीबी बालकृष्ण ने मंगलवार को ट्वीट किया था कि ग्रेटर नोएडा से पतंजलि फूड पार्क हटाया जाएगा। प्रदेश सरकार की उदासीनता के कारण पतंजलि ने प्रोजेक्ट को अन्यत्र शिफ्ट करने का निर्णय लिया है। सरकार तक यह बातें पहुंची तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मुख्य सचिव राजीव कुमार ने बुधवार को इस मुद्दे पर कई दौर की बैठकें कीं। साथ ही औद्योगिक विकास आयुक्त अनूप चंद्र पाण्डेय भी मौजूद रहे।

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