पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हिंदुओं पर एक बार फिर अत्याचार बढ़ते ही जा रहा है। पाक में रहने वाला अल्पसंख्यक हिंदू धर्मांतरण का शिकार हो रहे हैं। पाकिस्तान में 60 से अधिक हिंदुओं का धर्मांतरण कराया गया है। यह कूकर्म नगरपालिका के अध्यक्ष Abdul Rauf Nizamani ने किया है। उसी की मौजूदगी में 60 हिंदुओं को कलमा पढ़वाया गया है। उसने फेसबुक पर वीडियो भी शेयर  किया है।

यह घटना पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मीरपुर और मीठी इलाके में हुई है। जहां पर सरकारी कर्मचारी की देख रेख में सभी से जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है। आरोपी ने बड़ी शान से फेसबुक पर वीडिय भी शेयर किया है। इस मुद्दे पर अभी तक इमरान सरकार ने कोई बयान नहीं दिया है।

बता दें कि पाकिस्तान की कुल जनसंख्या 223,275,135 करोड़ है। इसमें 44.45 मिलियन अल्पसंख्यक हिंदू रहते हैं। यहां पर हिंदुओं की हिस्सेदारी सिर्फ 2.1 फीसदी है। यही मुख्य कारण है कि हिंदू पाकिस्तान में हिंसा का शिकार बनते हैं।

नगरपालिका अध्यक्ष अब्दुल रऊफ निजामनी ने कथित तौर पर सामूहिक धर्मांतरण प्रक्रिया को अंजाम देने में मदद किया है।। एक फेसबुक पोस्ट में निजामनी ने कहा, ‘अल्हम्दुलिल्लाह आज मेरी निगरानी में 60 लोग मुसलमान हुए हैं। इनके लिए दुआ करें।’ निजामानी फेसबुक पर जो वीडियो शेयर किया है उसमे साफ देखा जा सकता है कि हिंदुओं का एक गुट बैठा हुआ है और एक मौलवी लोगों कों धर्मांतरण का पाठ पढ़ा रहा है।

वहीं अगले वीडियो में मौलवी यह दावा करते हुए दिखाई दे रहा है कि यह उनकी पहली नमाज का पाठ था। मौलवी ने धर्मांतरित हुए नए लोगों से कहा, एक मुस्लिम व्यक्ति के जीवन का एकमात्र उद्देश्य अल्लाह को खुश करना है। तभी उसके जीवन का उद्देश्य पूरा होगा। जिन्हें अल्लाह ने मंजूरी दी है, केवल उन लोगों का जीवन ही आगे बढ़ेगा।

पाकिस्तान में धर्मांतरण का मामला नया नहीं है इससे पहले मार्च में सिंध के कंधकोट इलाके से एक 13 वर्षीय हिंदू लड़की कविता ओड का अपहरण कर लिया गया और फिर जबरन इस्लाम में उसका धर्मांतरण कर दिया गया। नाबालिग को उसके चारों ओर भीड़ के साथ जमीन पर बैठे देखा गया।

फरवरी माह में हिंदू टीचर का भी जबरन धर्मपरिवर्तन कराया गया था। सिंध प्रांत के बलूचिस्तान में हिंदू महिला का नाम बदल दिया गया था। वहां की सामाजिक संख्या मूवमेंट फॉर सॉलिडेरटी एंड पीस के मुताबिक सालभर में लगभग 1000 गैर-मुस्लिम युवतियों का जबरिया धर्म परिवर्तन हो रहा है। आंकड़ा इससे ज्यादा भी हो सकती है।

पिछले साल ही हिंदुओं समेत दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों ने लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन और शादी के खिलाफ कराची प्रेस क्लब के सामने बड़ा प्रदर्शन किया था। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई थी। वहीं खबरों की माने तो धर्मांतरण को अंजाम वहां की प्रशासन और पुलिस की सह पर किया जाता है।

असल वजह तो यह है कि पाकिस्तान में जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाओं को रोकने के लिए कोई पक्का कानून नहीं। हिंदू अल्पसंख्यक सांसद डॉक्टर रमेश कुमार वांकवानी ने पाकिस्तान में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए दो प्रस्ताव दिए। एक लड़कियों की शादी की उम्र 16 से बढ़ाकर 18 करना था, वहीं दूसरा जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने को लेकर था। पहले प्रस्ताव को काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी ने गैर-इस्लामिक कहते हुए खारिज कर दिया। दूसरा प्रस्ताव अब तक ठंडे बस्ते में पड़ा है।

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