कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। पूरे विश्व में इसके खिलाफ सरकारें एसके खात्में में जुटी हैं, और ऐसे में किसी भी देश की सरकार के लिए उसका सबसे मजबूत हछियार बनें हैं, चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी। लेकिन हमारे देश में चिकित्सकों को कई बार दो दो मोर्चों पर भिडना पड़ रहा है। किसी केस के बिगड़ जाने पर मरीज के साथ आए परिजन चिकित्सकों के साथ मार पीट करने लग जा रहे हैं। कई इलाकों में कोरोना वायरस की जांच के लिए या फिर सैनिटाईजेशन कार्यों के लिए गए स्वास्थ्य कर्मियों पर एक समुदाय विशेष के लोगों ने जानलेवा हमले भी किए। ऐसे में चिकित्सा सेवाओं  जुड़े लोग काफी परेशान थे। और इसी संदर्भ में वे सांकेतिक हड़ताल पर जाने वाले थे। लेकिन गृह मंत्री अमित शाह के आश्वासन के बाद उन्होंने अपनी हड़ताल वापस ले ली।

इन्ही तथ्यों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने ऐलान किया कि देश में स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार इसको लेकर अध्यादेश लाई है, जिसके तहत स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों को कड़ी सजा दी जाएगी।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आज कई जगह डॉक्टरों के खिलाफ हमले की जानकारी आ रही है, सरकार इन्हें बर्दाश्त नहीं करेगी. सरकार इसको लेकर अध्यादेश लाई है। मंत्री ने कहा कि मेडिकलकर्मियों पर हमला करने वालों को जमानत नहीं मिलेगी, 30 दिन के अंदर इसकी जांच पूरी होगी। 1 साल के अंदर फैसला लाया जाएगा, जबकि 3 से 5 साल तक की सजा हो सकती है।

अध्यादेश के अनुसार, अगर किसी ने स्वास्थ्यकर्मी की गाड़ी पर हमला किया तो मार्केट वैल्यू का दोगुना ज्यादा भरपाई की जाएगी। प्रधानमंत्री आवास पर पीएम मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में कोरोना वायरस के मौजूदा असर और लॉकडाउन की समीक्षा की गई। इसके अलावा आर्थिक हालात पर भी चर्चा हुई। केंद्र सरकार की ओर से पहले भी राहत के तौर पर 1 लाख सत्तर हजार करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कैबिनेट मंत्रियों, राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ वार्ता करते आए हैं. पीएम ने अलग-अलग क्षेत्रों के प्रतिनिधियों से भी इस मसले पर चर्चा की है। केंद्र सरकार की ओर से लगातार कोरोना वायरस और लॉकडाउन को लेकर फैसले लिए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों को जरूरी दिशा निर्देश जारी कर रहा है, तो वहीं गृह मंत्रालय की कोशिश लॉकडाउन को लागू करवाने की है। आईसीएमआर की ओर से टेस्टिंग को लेकर निगरानी की जा रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here