पूर्वी दिल्ली के मंडावली क्षेत्र में एक ही परिवार की तीन बालिकाओं की कथित तौर पर भूख से हुई मौत को लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार निशाने पर है। मंडावली में आठ साल की मानसी, चार वर्ष की शिखा और दो साल की पारुल के शव एक कमरे से मिले थे। बालिकाओं की मां मानसिक रुप से स्वस्थ नहीं है।

मां का कहना था कि बालिकाओं की तबीयत खराब होने की वजह से उन्हें खाना नहीं दिया था। बालिकाओं को खांसी और उल्टी होने की शिकायत थी।तीनों बालिकाओं की मौत को लेकर आई पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका कारण कुपोषण बताया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बालिकाओं के शरीर से खाने का तनिक भी अंश नहीं मिला। पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों का कहना है कि इन बालिकाओं को पिछले सात-आठ दिन से खाना नहीं मिला था। इस मामले में दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत की वजह ही बताई जा रही है। यह इलाका दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र में है।

मनीष सिसोदिया गुरुवार को मृत बालिकाओं के घर गए। इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं।श्री सिसोदिया ने बालिकाओं की मां से मुलाकात करने के बाद कहा कि गरीबी और भुखमरी के कारण बालिकाओं की मौत हुई है जो हमारे लिए बहुत सदमे और चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि बालिकाओं की मां की मानसिक हालत भी दुरुस्त नहीं है। सरकार की तरफ से 25 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जा रही है। मां को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है और सरकार उनके इलाज का खर्च उठायेगी। उधर बालिकाओं के पिता का अभी पता नहीं चला है और उनकी खोज कराई जा रही है।

उन्होंने इस तरह की घटना को तंत्र की नाकामी मानते हुए कहा कि इस बात की जांच के भी निर्देश दिए गए हैं कि एजेंसियों के पास इस परिवार की गरीबी की जानकारी थी कि नहीं। दिल्ली में फिर से ऐसी घटना नहीं हो इसके लिए हरसंभव कदम उठाये जायेंगे। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन पार्टी के अन्य नेताओं के साथ गुरुवार को मृत बालिकाओं की मां से मिलने गए। उन्होंने कहा कि देश की राजधानी में भूख से तीन बच्चियों की मौत हो जाए। इससे बड़ी दुख की बात नहीं हो सकती, इसका जवाब सरकारों को देना होगा माकन ने कहा कि उप मुख्यमंत्री के इलाके में ऐसी घटना बहुत शर्म की बात है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार बड़ी-बड़ी बातें करती हैं। इस परिवार के पास राशन कार्ड नहीं था। मृतकों में सबसे बड़ी बालिका आठ साल की थी जो सरकारी स्कूल की छात्रा थी तो क्या उसे स्कूल में मिड-डे मील नहीं मिलता था। सरकार की 10 रुपए में लोगों को भोजन उपलब्ध कराने की आम आदमी कैंटीन की योजना केवल कागजों पर चल रही है।

केजरीवाल के शासनकाल में दिल्ली की स्थिति बद से बदतर हुई है और सरकार की तरफ से इसे रोकने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाये गए।दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस घटना के लिए सिसोदिया को आड़े हाथों लिया लिया। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री के इलाके में ऐसी घटना शर्म की बात है। वह कल पीडि़त परिवार से मिलने मंडावली गए थे और 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता का एलान किया जिसमें से 10 हजार रुपए नगद मुहैया करा दिए गए।

                                                                                                         साभार- ईएनसी टाईम्स

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