कहते हैं कि नाम में क्या रखा है, आदमी तो अपने काम से जाना जाता है। लेकिन उत्तर प्रदेश में ठीक इसका उल्टा हो रहा है। दरअसल, योगी सरकार ने नया फरमान सुनाया है कि अब संविधान निर्माता डॉ.भीमराव अंबेडकर के नाम में ‘रामजी’ जोड़ा जाएगा।  राज्यपाल राम नाईक की सिफारिश के आधार पर योगी सरकार ने सभी सरकारी अधिकारी को यह आदेश जारी किया है कि अब सभी सरकारी रिकॉर्ड और दस्तावेज में आधिकारिक तौर पर डॉ बीआर अंबेडकर के साथ उनका मिडिल नेम ‘रामजी’ का इस्तेमाल किया जाएगा। बता दें कि यह नया शब्द उनके पिता के नाम से लिया गया है। 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में जन्मे डॉ. आंबेडकर के पिता का नाम राम जी मालोजी सकपाल था।

सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने बताया कि राज्यपाल राम नाईक ने शासन को संविधान की आठवीं अनुसूची की मूल प्रति भेजी थी। जिसमें डॉ. आंबेडकर ने हस्ताक्षर करते समय अपना पूरा नाम डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा था। राज्यपाल ने कहा था कि डॉ. आंबेडकर का अधूरा और गलत नाम लिखा जा रहा है। लिहाजा उनके पिता के साथ पूरा नाम लिखा जाए, जो बाबा साहब ने विभिन्न जगहों पर अपने हस्ताक्षर में लिखे हैं।

इस तरह अब यूपी में डॉ.भीमराव अंबेडकर का नाम डॉ.भीमराव रामजी अंबेडकर लिखा जाएगा। बता दें कि महाराष्ट्र में भी उनके नाम के साथ पिता का नाम जोड़ा जाता है। इस मामले में अब उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश दे दिए हैं, जिसके बाद आधिकारिक रूप से नाम बदलकर डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर हो जाएगा। सरकार ने रिकॉर्ड्स में सभी जरूरी बदलावों के निर्दश भी दे दिए हैं। राम नाइक नाम में बदलाव के लिए पिछले एक साल से अभियान चला रहे थे। उन्होंने नाम में बदलाव के लिए कई दस्तावेज का भी हवाला दिया था।

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