उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद योगी सरकार एक्शन में है। सरकार ने पहल करते हुए अवैध बूचडखानों की दुकान को सील करने का आदेश जारी कर दिया था। जिसके बाद एफएसडीए और पुलिस कर्मियों ने 100 से अधिक जगहों पर छापेमारी कर कई  दुकानों को बंद करवा दिया। साथ ही दुकानदारों को बिना लाइसेंस के दुकान न खोलने की चेतावनी भी दे डाली।

योगी सरकार के इस सख्त आदेश और अपने रोजी रोटी को लेकर मीट कारोबारियों ने शनिवार को नोएडा, लखनऊ, मुरादाबाद सहित अन्य इलाको में जमकर विरोध किया। बता दें कि रविवार को पूरे यूपी में लगभग 500 से भी ज्यादा मीट कारोबारी आपस में मिलकर इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।

On Sunday morning, more than 500 meats shop owner will be on protest. - 1

टुड़े कबाब के दुकान पर ग्राहकों की कमी…   

बूचडखाने के बंद होने के बाद मांसाहारी खाने के शौकीन लोगों का जायका बिगड़ गया है। लखनऊ स्थित अकबरी गेट के “टुड़े कबाबी” के मैनेजर अबु बकर का कहना है कि भैंस के मांस के बने कबाब को चखने उनके ग्राहक इस दुकान की ओर खींचे आते हैं। लेकिन बूचड़खानों पर लगी रोक से इसका असर रोजगार में देखने को मिल रहा है। उनका अपना मत है कि ग्राहकों के लिए नॉनवेज उनकी पहली पसंद है ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या योगी सरकार पूरे प्रदेश में खानेवालों का जायका खराब करने के मूड में हैं?

मुरादाबाद के इमरान की दुकान पर लगा ताला…

मुरादाबाद के असालतपुरा स्थित इमरान की दुकान पर शाम होने के साथ ही लोगों की भारी भीड़ वहां की स्पेशल मटन कीमा और रोटी का स्वाद चखने के लिए चली आती थी। लेकिन अब उसी दूकान पर ताला लगा हुआ है। वहीं नहारी की दुकान में मटन बिरयानी की जगह चिकन बिरयानी ने ले ली है। जिसकी वजह बूचड़खानों पर रोक बताई जा रही है। साथ ही स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि मुरादाबाद पुलिस ने चिकन, मटन की सारी दुकानें बंद करवा दी हैं। जिसकी वजह से शहर में  चिकन, मटन और भैंस के मीट की आपूर्ति हो गई है।

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