योगीराज में अधिकारियों पर सख्त रवैया बरकरार है। किसी भी अधिकारी को ऐसी किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जा रही है जिससे वो किसी भी प्रकार के अनुचित काम को अंजाम दे सके। इसी के मद्देनजर औद्योगिक विकास प्राधिकरण में बड़ा बदलाव किया गया है। नौकरी की शुरुआत से ही एक ही अथॉरिटी में जमे अफसरों के तबादले शुक्रवार को कर दिए गए। कैबिनेट द्वारा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की सेवा नियमावली को मंजूरी मिलने के बाद अधिकारियों के ट्रांसफर एक अथॉरिटी से दूसरी अथॉरिटी में कर दिए गए। जानकारी के मुताबिक, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के अधिकारियों के तबादले बाहर नहीं होते थे। लेकिन, इस बार यहां भी फेरबदल की गई है। पहली तबादला सूची में 20 अफसरों का तबादला किया गया है।  इनमें 16 अधिकारी नोएडा व ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के हैं।

बता दें कि योगी सरकार ने एक से दूसरे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में अफसरों-कर्मचारियों की तैनाती के लिए पिछले दिनों नियमावली में बदलाव को मंजूरी दी थी। इसके पहले कर्मी जिस प्राधिकरण में नियुक्त होते थे, पूरी सेवा वहीं तैनात रहते थे। प्रदेश सरकार ने जो तबादला नीति 2018 बनाई है उसे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने स्वीकार कर लिया था। यानि सरकार ने केंद्रीकृत व्यवस्था करते हुए एक प्राधिकरण के कर्मचारी को दूसरे प्राधिकरण में भेजने की योजना बनाई। प्राधिकरण में काफी वक्त से इस बात की चर्चा थी। चर्चा इस बात की भी थी कि कौन वो लोग होंगे जिनका तबादना पहली सूची में किया जाएगा।

खबरों के मुताबिक एक साल के भीतर सभी स्थाई कर्मियों का तबादला दूसरे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में हो जाएगा। नोएडा के मुख्य महाप्रबंधक होम सिंह यादव को लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण भेजा गया है।  वहीं ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के महाप्रबंधक राजीव त्यागी को नोएडा विकास प्राधिकरण भेजा गया है।  निमिषा शर्मा को नोएडा विकास प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के महाप्रबंधक अरविंद मोहन को गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के प्रबंधक आनंद मोहन को गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण भेजा गया है। इसी तरह अन्य अधिकारियों को भी अलग-अलग जगहों पर भेजा गया है।

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