किसानों की आय बढ़ाने को लेकर मोदी सरकार की कोशिशें लगातार जारी है। इसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, महाराष्ट्र और कर्नाटक के गन्ना किसानों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने किसानों की समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया। उन्होंने किसानों से बातचीत में कृषि क्षेत्र की जमीनी जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य में लागत का डेढ़ गुना देने के फार्मूले पर अमल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खरीफ की फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 150 फीसदी की वृद्धि से किसानों की आमदनी में अच्छा-खासा इजाफा होगा।

मोदी सरकार ने कहा कि इस रणनीति पर अगले हफ्ते फैसला लिया जाएगा। अलग-अलग राज्यों से आए किसानों से पीएम मोदी ने कहा कि देश के उद्योगपतियों व अन्य निवेशकों से कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने का आग्रह किया गया है। खाद्य प्रसंस्करण और बीज उद्योग क्षेत्र सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। इसमें अपार संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री की सलाह पर कोल्ड ड्रिंक्स बनाने वाली कई कंपनियां अपने उत्पाद में पांच फीसद तक फ्रूट जूस मिला रही हैं। पिछले दस दिन में पीएम मोदी की किसानों के साथ दूसरी बैठक है। चुनावी साल में सरकार कृषि क्षेत्र के संकट को दूर करने का प्रयास कर रही है और उसने चीनी क्षेत्र के लिए 8,500 करोड़ रुपये के पैकेज सहित कई घोषणाएं की हैं।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि किसान हमारे अन्नदाता हैं। वो हमें भोजन देते हैं। देश की अर्थव्यवस्था को बदलने का पूरा श्रेय सिर्फ किसानों को ही जाता है। देश के विकास के लिए किसानों ने खून-पसीना एक किया है। प्रधानमंत्री मोदी से मिलने गये किसानों में उत्तर प्रदेश से 45 किसान थे, जिन्होंने खेती को लेकर आने वाली कठिनाइयों और सरकार की योजनाओं से मिली सहूलियत के बारे में बात की। इसी दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने स्वायल हेल्थ कार्ड यानी खेत की मिट्टी की जांच रिपोर्ट के आधार पर खाद का प्रयोग करने की सलाह दी। उन्होंने सिंचाई के आधुनिक माइक्रो इरिगेशन के उपयोग की बात कही।

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