नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार जाली नोटों पर लगाम लगाने और पर्यावरण के हित को देखते हुए महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। जिसको लेकर भारत सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(RBI) को 10 रुपए के प्लास्टिक नोट प्रिंट करने की मंजूरी दे दी है। लेकिन शुरुआत में यह नोट सिर्फ ट्रायल के तौर पर पांच राज्यों में इस्तेमाल किए जाएंगे, जिसकी घोषणा उन्होंने अभी नहीं की हैं।

शुक्रवार को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया है कि“10 रुपए के प्लास्टिक नोट के प्रिंटिंग और ट्रायल के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को मंजूरी प्रदान कर दी गई है।” उन्होंने आगे कहा कि अगर प्लास्टिक के नोट प्रचलन में आ जाते हैं तो यह नोट लम्बे समय तक बाजार में टिकेंगे। इसी के साथ नोटों के कटने फटने का डर भी बेहद कम हो जाएगा और नोटों के प्रिटिंग में लागत कम आएगी।

बता दें कि इससे पहले सरकार ने फरवरी 2014 में 10 रुपए के प्लास्टिक के नोट को क्षेत्र परीक्षण के लिए अनुमति प्रदान की थी। जिसके बाद सरकार ने संसद में प्रायोगिक आधार पर अलग अलग क्षेत्र के पांच राज्यों के नाम की सूची लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत की थी। इन शहरों में कोच्चि, जयपुर, शिमला, भुवनेश्वर और मैसूर के नाम शामिल थे। गौरतलब है कि इस पहल को लेकर दुनियाभर के कई देशों में प्लास्टिक करेंसी सर्कुलेशन है। जिनमें से यूके, कनाडा, रूस, सिंगापुर, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल हैं।

प्लास्टिक नोटों के लाभ

  • पॉलिमर नोट और कागज के नोटों की एक तुलात्मक रिसर्च बैंक ऑफ इंग्लैंड ने कराई। जिसका उद्देश्य पर्यावरण को ध्यान में रखकर उपभोक्ताओं को बेहतर करंसी उपलब्ध करना था।
  • बाजार में प्रचलन के दौरान नोटों के कटने फटने का डर नहीं होगा जिससे नोट ज्यादा दिनतक प्रचलन में टिके रह सकते हैं।
  • कागज के नोटो के मुताबिक प्लास्टिक के नोटो में लगने वाली रॉ मैटेरियल में सरकार द्वारा उठाया जा रहे धन की लागत भी कम आएंगी।
  • इस कदम से पेड़ो के कटाव को रोकने की ओर एक सार्थक कदम होगा। जिसके चलते ग्लोबल वार्मिंग में कमी आएगी।
  • नोटों के सड़ने के बाद उसे री-साइकिल करके उनसे दूसरे प्रोडेक्ट तैयार किया जा सकते हैं जबकि कागज के नोटों को सड़ने के बाद रद्दी कर दिए जाते हैं।

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