बिहार में  जेडीयू के साथ भाजपा की साझी सरकार बनते ही बिहार में भी यूपी की तरह ही अवैध बूचड़खानों पर लगाम लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। जिसके बाद अब बिहार में करीब 140 बूचड़खानों पर जल्द ही ताला लटक जाएगा।

बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस ने शनिवार को इसकी घोषणा  करते हुए कहा कि बिहार में मौजूद अवैध बूचड़खानों को जल्द बंद किया जाएगा। पारस ने कहा ‘मैंने विभाग सचिव को राज्य में मौजूद वैध और अवैध रूप से चल रहे बूचड़खानों पर एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। रिपोर्ट आने के बाद हम राज्य में मौजूद अवैध बूचड़खानों पर एक्शन लेंगे।’ बता दें कि पूर्व पशुपालन मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने भी राज्य के सभी जिलाधिकारियों से अवैध बूचड़खानों को लेकर मार्च में रिपोर्ट मांगी थी।

अब बिहार सरकार ने यह कदम तब उठाया है, जब भोजपुर जिले के रानीसागर में अवैध बूचड़खाने को बंद कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। वहीं तीन अन्य को गुरुवार को उस वक्त गिरफ्तार किया गया, जब भोजपुर के ही शाहपुर इलाके में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ कुछ स्थानीय लोगों ने बीफ सप्लाई की बात कही।

गौरतलब है कि बिहार में सबसे ज्यादा बूचड़खाने सीमांचल क्षेत्र में हैं जिसमें किशनगंज, पूर्णिया जैसे जिले शामिल हैं। जबकि पटना में ही अकेले दर्जन भर से ज्यादा अवैध बूचड़खाने चलाए जा रहे हैं।

वहीं खबरों की माने तो बिहार में सिर्फ 2 बूचड़खाने ही ऐसे हैं जो कानून के मुताबिक चल रहे हैं। यह दोनों अररिया के फोर्बिसगंज इलाके में हैं और इनको राज्य सरकार की ओर से लाइसेंस भी दिया गया है। हालांकि अब सरकार के इस फैसले के बाद बस यही दो बूचड़खाने ही बिहार में चल सकेंगे।

उधर नीतीश सरकार के इस फैसले के बाद आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने इसकी कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि ‘देखिए नीतीश सरकार की प्राथमिकताएं किस तरह से बदल गईं हैं। असल में नीतीश तो सिर्फ सरकार का चेहरा हैं, सरकार तो मुख्य रुप से बीजेपी चला रही है।’

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