इन दिनों योगी सरकार यूपी का कायाकल्प करने में लगी है। लेकिन विपक्षियों के अनुसार जिन चीजों का कायाकल्प योगी सरकार को यूपी में करना चाहिए वो योगी सरकार नहीं कर रही अपितु सरकार स्थानों और स्टेशनों का नाम बदलने में लगी है। जी हां, मुगलसराय स्टेशन का नाम दीन दयाल के नाम पर कराने को लेकर राज्यसभा में विपक्षियों ने सरकार की खूब आलोचना की। समाजवादी पार्टी ने इस बदलाव का विरोध किया। वहीं बीजेपी का कहना है कि चूंकि जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय का पार्थिव शरीर मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर मिला था इसलिए यह बदलाव होना चाहिए।

दरअसल, योगी सरकार इस साल पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म शताब्दी वर्ष मना रही है। योगी सरकार के कैबिनेट ने फैसला लिया कि मुगलसराय स्टेशन का नाम दीनदयाल उपाध्याय कर दिया जाएगा और सड़क पर उनकी प्रतिमा भी लगाया जाएगा। लेकिन यह सब योगी सरकार अकेले नहीं कर सकती क्योंकि कानूनी रूप से उन्हें गृह मंत्रालय से एनओसी लेना होता है।

राज्यसभा में सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि सरकार मनमाने ढंग से सभी स्थानों का नाम बदल रही है जो कि गलत है। इस पर बहस होना चाहिए। बता दें कि यूपी सरकार ने इसी साल जून में स्टेशन का नाम बदलने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी। मुगलसराय जंक्शन भारत के सर्वाधिक व्यस्त रेलवे स्टेशनों में से एक है। यह जंक्शन देश को पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत से जोड़ता है।

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