Nirmala Sitharaman: कोरोनो वायरस महामारी के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को मोदी 2.0 सरकार का चौथा बजट पेश किया। बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल रुपये और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर की व्याख्या करते हुए बताया कि आरबीआई जो जारी करेगा वह एक डिजिटल मुद्रा है, और इसके बाहर जो कुछ भी प्रचलित है वह व्यक्तियों द्वारा बनाई गई संपत्ति है। और उन संपत्तियों के लेन-देन से होने वाले मुनाफे पर 30% कर लगाया जाएगा।
Nirmala Sitharaman बोलीं- हमने टैक्स नहीं बढ़ाया
इनकम टैक्स को लेकर उन्होंने कहा कि मैंने टैक्स नहीं बढ़ाया है। मैं यह दोहराना चाहती हूं कि मैंने एक भी पैसा टैक्स के द्वारा मैंने अतिरिक्त कमाने के लिए कोई कोशिश नहीं की है। पिछले साल भी और इस साल भी। पिछली बार प्रधानमंत्री का आदेश था कि घाटा कितना भी क्यों न हो, महामारी के समय जनता के ऊपर टैक्स का बोझ नहीं डालना है। वहीं दिशानिर्देश इस बार भी थे। इसीलिए, हमने टैक्स नहीं बढ़ाया।
क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार की नजर
वित्त मंत्री ने रोजगार बढ़ाने के मुद्दे पर कहा कि इंफ्रा पर इस साल साढ़े पांच लाख करोड़ का खर्च हम उठा रहे हैं। आने वाले साल के लिए जो बजट पेश किया है, उसमें साढ़े पांच लाख करोड़ से ज्यादा पब्लिक इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं। उससे तुरंत नौकरियों के ऊपर सकारात्मक असर पड़ेगा। इससे नौकरियां बढ़ेंगी। इसके अलावा 14 सेक्टर्स में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव दे रहे हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम हर लेन-देन पर 1% टीडीएस लगाकर उसमें पैसे के हर निशान (क्रिप्टो परिसंपत्तियों का लेनदेन) पर भी नज़र रख रहे हैं।
100 साल के विश्वास का बजट
बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट पर कहा कि ये 100 साल के विश्वास का बजट है। उन्होंने कहा कि बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। इससे आने वाले समय में निवेश बढ़ेगा और युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि यह कोरोना महामारी के बीच विश्वास का बजट है।
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