मंगलवार से चैत्र नवरात्रों की शुरुआत होने वाली है। नवरात्रों की आने की धूम बाजारों में कई दिन पहले ही दिखने लग जाती है। बता दें कि कल हिंदू नव वर्ष का पहला दिन है इसी दिन से वासंतिक नवरात्रि की शुरुआत भी होती है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा की विशेष आराधना की जाती है। पंडितों और ज्योतिषियों के अनुसार इस बार पूरे नौ नवरात्रे हैं, जो काफी शुभ माने जाते हैं। माना जाता है कि इन नौ दिनों में दुर्गा के स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा करने से इच्छित फल की प्राप्ति भी होती है।

भक्त नौ दिन तक मां दुर्गा के नौ रूपों की अपने अपने घरों में विशेष पूजा करेंगे। जिसके लिये भक्तों ने अभी से खरीदारी करना शुरु कर दी है। इस बार मां दुर्गा नौका पर सवार होकर मंदिरों में विराजमान होंगी और अश्व पर सवार होकर माता की विदाई होगी। जिस कारण नवरात्र शुभ और फलदायी माना जा रहा है। लोगों का कहना है कि इन नौ दिनों में दुर्गा के स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा करने से फल की प्राप्ति भी होती है। पहले नवरात्रे मं  घट स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 8:26 बजे से लेकर 10:24 बजे तक रहेगा।

नवरात्रो की धूम दिल्ली के बाज़ारो में भी दिखने को मिल रही है। लोग पूजा के लिये नारियल, रोली, चावल, लौंग, धूपबत्ती, इलायची, जायफल, कलश, कलावा, जौ, कपूर, दीपक, चौकी और चुन्नी सहित दूसरी अन्य सामग्रियों को भी खरीद रहे है। और इसी के साथ देवी दुर्गा मां से जुड़ा सामान भी खरीदा जा रहा है। पूजा सामग्री की दुकानों पर बड़ी तादाद में लोगों की भीड़ दिखाई दी। इस बार खाने की चीज़ो पर भी खास ध्यान दिया गया है। बाजार में पहली बार कुट्टू के आटे से बनी बूंदी बाजार में आई है। बाजार में सिंगाड़े समा के चावल व आटा और कुंट्टू का आटा 102 रुपये किलो बिक रहा है। इसी के साथ आलू चिप्स, आलू मसाला लच्छा, आलू टिका, ड्राइफ्रूट मिक्चर, पापड़, साबूदाना, मूंगफली, तिल के लड्डू, गजक और राम दाना पंट्टी व्रतधारको को लिये उपलब्ध है।

नवरात्र के अनुसार करें देवी पूजन

28 मार्च: नवरात्र के पहले दिन की शुरुआत घटस्थापना से होगी, घट स्थापित करें, देवी शैलपुत्री की पूजा करें।

29 मार्च: दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की आराधना करें।

30 मार्च: तीसरे दिन देवी दुर्गा के चंद्रघंटा रूप की आराधना करें।

31 मार्च: चौथे दिन देवी दुर्गा के चौथे रूप देवी कुष्मांडा की आराधना करें।

1 अप्रैल: भगवान कार्तिकेय की माता स्कंदमाता की पूरा करें।

2 अप्रैल: छठे दिन माता कात्यायनी की अराधना करें।

3 अप्रैल: सांतवे दिन माता कालरात्रि की आराधना करें।

4 अप्रैल: आंठवे दिन मां महागौरी की पूजा करें। 8 कन्याओं को घर बुलाकर पूजा करें और आशीर्वाद लें।

5 अप्रैल: नौंवा नवरात्र सुबह 11.00 तक रहेगा।

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