National Mathematics Day 2021: Ramanujan के सम्मान में मनाया जाता है यह दिवस, जानिए उनसे जुड़ी 5 बातें

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National Mathematics Day
National Mathematics Day

भारत में हर साल National Mathematics Day मनाया जाता है। यह दिवस भारत के महान गणितज्ञ Srinivasa Ramanujan के जन्मदिन के अवसर पर उनके सम्मान में मनाया जाता है। इस दिन को National Mathematics Day की उपाधि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2012 में दी थी।

National Mathematics Day का इतिहास

National Mathematics Day पहली बार 2012 में मनाया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री Dr. Manmohan Singh ने 26 फरवरी, 2012 को इस दिन को National Mathematics Day के रूप में घोषित किया था, जब वह रामानुजन की उपलब्धियों को श्रद्धांजलि देने के लिए Madras University का दौरा कर रहे थे। तब से, यह हर साल 22 दिसंबर को गणित के क्षेत्र में Ramanujan के काम का सम्मान करने के लिए National Mathematics Day मनाया जाता है।

1. National Mathematics Day का उद्देश्य

National Mathematics Day मनाने का मुख्य उद्देश्य गणित के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। हम इस बात को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते कि देश की युवा पीढ़ी के बीच गणित सीखने के लिए प्रेरित करने, उत्साहित करने और सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए कई पहल की गई हैं। इस दिन, गणित के शिक्षकों और छात्रों को Camps के माध्यम से Training दी जाती है एवं गणित और Research के लिए Teachers Learning Material (TLM) के विकास, उत्पादन और प्रसार पर जोर दिया जाता है।

2. कैसे मनाया जाता है National Mathematics Day?

National Mathematics Day भारत के विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में मनाया जाता है। यहां तक कि International Society UNESCO (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization) और भारत ने गणित सीखने और समझ को मिलकर फैलाने के लिए काम करने को भी तैयार थे।

इसके साथ ही, छात्रों को गणित में शिक्षित करने और दुनिया भर में छात्रों और शिक्षार्थियों तक ज्ञान फैलाने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए। भारत के सभी राज्य अलग-अलग तरीकों से National Mathematics Day मनाते हैं। स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। इन कार्यक्रमों और कार्यशालाओं में पूरे भारत से गणित के छात्र भाग लेते हैं।

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Srinivasa Ramanujan

3. कौन थे Srinivasa Ramanujan?

Srinivasa Ramanujan का जन्म 22 दिसंबर, 1887 को Tamil Nadu के Madras Presidency में हुआ था। Ramanujan ने काफी कम उम्र में ही गणित का कौशल हासिल कर लिया था, मात्र 12 वर्ष की आयु में उन्होंने Trigonometry में महारत हासिल कर ली, जिसके चलते उन्हें साल 1903 में मद्रास विश्वविद्यालय से एक छात्रवृत्ति मिली लेकिन अगले ही वर्ष उनसे यह छात्रवृत्ति वापस ले ली गई, क्योंकि वे गणित के अलावा किसी अन्य विषय पर ध्यान ही नहीं देते थे।

1913 में उन्होंने British Mathematician ब्रिटिश गणितज्ञ G. H. Hardy के साथ Correspondence Studies शुरू किया, फिर वे इन्हीं के साथ Cambridge के Trinity College चले गए। कुछ सालों बाद 1918 में लंदन की Royal Society के लिये उनको चुना गया। 26 अप्रैल, 1920 को मात्र 32 वर्ष की आयु में तमिलनाडु के कुंभकोणम में उनकी मृत्यु हुई थी। 26 अप्रैल, 1920 को मात्र 32 वर्ष की आयु में Ramanujan की तमिलनाडु के कुंभकोणम में मृत्यु हो गई थी।

4. भारत के गणित इतिहास में Ramanujan का योगदान

सूत्र और समीकरण : Ramanujan ने 32 वर्ष के जीवनकाल में लगभग 3,900 Equations और Identities का संग्रह किया। उनके सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में Pi शामिल है। उन्होंने कई चुनौतीपूर्ण गणित की समस्याओं को हल करने के लिये विचार प्रस्तुत किये थे, इनकी खेल सिद्धांत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है।

5. Ramanujan की पुस्तकें

1976 में American Mathematician, George Andrews ने Trinity की लाइब्रेरी में Ramanujan की एक Notebook की खोजी, जिसे बाद में एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया। गणित में रामानुजन का सबसे बड़ा योगदान रामानुजन संख्या यानी 1729 को माना जाता है। इसके अलावा Ramanujan ने और कई योगदान दिए जिनमें Hyper Geometric Series, Riemann Series, Pythagorean triple, Mock Theta Function और Divergent Series का सिद्धांत आदि शामिल हैं।


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