स्वतंत्रता सेनानी Mangal Pandey की पुण्यतिथि पर वरिष्‍ठ नेताओं ने उन्हें दी श्रद्धांजलि, गृह मंत्री Amit Shah बोले – मंगल पांडे सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि भारत के स्वतंत्रता संघर्ष का आधारस्तंभ

मंगल पांडे ने 1857 की क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मंगल पांडे के नाम से अंग्रेजों में दहशत फैल गई थी।

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Mangal Pandey
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Mangal Pandey Death Anniversary: शुक्रवार को देश के महान स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे की पुण्यतिथि पर पूरा देश उनको याद कर रहा है। आजादी की लड़ाई लड़ने वाले मंगल पांडे की पुण्यतिथि पर गृह मंत्री Amit Shah, असम के मुख्यमंत्री Himanta Biswa Sarma , राजस्थान के मुख्यमंत्री Ashok Gehlot, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि, बीजेपी विधायक अरविंद लिंबावली जैसे कई राजनेताओं ने उनकी बहादुरी को सलाम किया।

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Mangal Pandey ने क्रांति का बीज बोकर अंग्रेजों की जड़ें हिला दी: अमित शाह

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Mangal Pandey की पुण्यतिथि पर गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा, ”मंगल पांडे सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि भारत के स्वतंत्रता संघर्ष का आधारस्तंभ हैं। जिन्होंने अपने पराक्रम से 1857 में पराधीनता के विरुद्ध क्रांति का बीज बोकर अंग्रेजों की जड़ें हिला दी और भारतीयों के हृदय में स्वाधीनता की ज्वाला प्रज्वलित की। ऐसे अमर बलिदानी को कोटिशः नमन।”

केंद्रीय परिवहन मंत्री Nitin Gadkari ने Mangal Pandey की पुण्यतिथि पर ट्वीट किया, ”मां भारती के वीर सपूत महान क्रांतिकारी मंगल पांडे जी को पुण्यतिथि पर विनम्र अभिवादन।”

सोशल मीडिया पर मंगल पांडे की पुण्यतिथि पर उनको याद करते हुए असम के मुख्यमंत्री Himanta Biswa Sarma ने लिखा, ”वीर मंगल पांडे ने अंग्रेजों के दमनकारी शासन के खिलाफ विद्रोह की पहली चिंगारी लगाई थी, उन्‍होंने 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किया था, जिसे स्वतंत्रता आंदोलन में पहली लड़ाई के रूप में माना जाता है। मां भारती के महान सपूत को उनकी पुण्यतिथि पर प्रणाम।”

बता दें कि मंगल पांडे ने 1857 की क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मंगल पांडे के नाम से अंग्रेजों में दहशत फैल गई थी। अंग्रेजों को उनका इतना डर था कि उन्‍हें सजा की तारीख से 10 दिन पहले ही फांसी दे दी गई थी। मंगल पांडे को 18 अप्रैल 1857 को फांसी दी जानी थी, लेकिन उन्हें 10 दिन पहले फांसी दी गई थी।

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