दीपावली का पर्व करीब आ रहा है और हर तरफ त्योहार की रौनक है लेकिन ऐसे में सरसों के तेल की कीमत ने आम आदमी के उत्साह को कम कर दिया है। इसी मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने केंद्र सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने सरसों के तेल के बहाने कृषि कानूनों पर भी अपनी राय रखी और बीजेपी सरकार को घेरा है।
लालू यादव बोले- कृषि कानूनों का असर समझने में समय लगेगा
लालू यादव ने ट्वीट किया, ‘सरसों के तेल का क्या भाव है? क्या आप इससे खुश हैं? रुकिए, तीन काले कृषि क़ानूनों का विपरीत प्रभाव अभी दो-चार वर्षों बाद और अधिक समझ में आएगा।’ गौरतलब है कि लालू यादव ने जो तस्वीर अपने ट्वीट के साथ शेयर की है वह भी दिलचस्प है।
सरसों के तेल की कीमत पूरे 30 रुपये बढ़ी
तस्वीर में जुलाई और सितंबर की अलग-अलग पैकिंग में सरसों के तेल की कीमत पूरे 30 रुपये बढ़ी हुई दिख रही है। दोनों बोतलों की तस्वीरों को लेकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट किया और कृषि कानूनों से इसे जोड़कर तंज कसा।
बता दें कि तस्वीर में एक ही कंपनी की दो अलग-अलग पैकिंग में 30 रुपये का अंतर दिख रहा है। जुलाई 2021 में तैयार की गई 1 लीटर वाली बोतल में सरसों तेल की कीमत 235 रुपये दिख रही है जबकि ठीक दो महीने बाद जिस बोतल की पैकिंग की गई है उसके स्टिकर में 265 रुपये दिख रहा है। यानी दो महीने के अंदर ही सरसों तेल की कीमत में 30 रुपये का उछाल आ गया।
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