होली से पहले शनिवार को आए पांच राज्यों के चुनाव के परिणामों ने भारत की राजनीतिक इतिहास में एक बड़ा अध्याय जोड़ दिया है। यूपी में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करके राजनीति में बड़ा उलटफेर कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी का इस तूफानी लहर में जो भी आया वो धुएं की तरह उड़ गया। यूपी में जहां बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला, वहीं उत्तराखंड में एक बार फिर से सत्ता पर काबिज हुई। हालांकि गोवा में भाजपा का थोड़ा नुकसान जरूर हुआ लेकिन पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में पहली बार कमल खिलाकर पार्टी ने गोवा के नुकसान की भरपाई कर ली। दूसरी ओर देश की सबसे पुरानी और पार्टी कांग्रेस धीरे-धीरे देश की सबसे छोटी पार्टी बनती जा रही है। शनिवार को आए चुनावी नतीजों में कांग्रेस ने पंजाब में बहुमत हासिल करते हुए वापसी तो की लेकिन मणिपुर, उत्तराखंड और कांग्रेस का घर कह जाने वाले उत्तर प्रदेश में मिली करारी हार ने उनकी चिंता जरूर बढ़ा दी होगी।
देश के सबसे बड़े राजनीतिक राज्य उत्तर प्रदेश में जीत के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने नि:संदेह खुद को सदी के सबसे बड़े और प्रमुख नेता के तौर पर स्थापित कर लिया है। भाजपा की बंपर जीत के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि जनता ने जाति और धर्म से ऊपर उठकर विकास और विकासवादी सरकार के लिए वोट दिया है। उन्होंने कहा मोदी जी देश के सबसे कद्दावर नेता के रूप में सामने आए हैं जिन्हें जनता ने ऐतिहासिक जनादेश दिया है, जो देश की राजनीति को नई दिशा देगा। अमित शाह ने कहा कि इन नतीजों ने मोदी पर गरीब लोगों के भरोसे को देखकर उनके राजनीतिक विरोधियों तक को स्वीकार करना होगा कि देश की आजादी के बाद वह सबसे कद्दावर नेता बनकर उभरे हैं। खैर, इस शानदार जीत के बाद अब बारी है सीएम बनाने की, इस पर शाह ने कहा कि रविवार को पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ता पीएम का स्वागत करेंगे उसके बाद संसदीय बोर्ड की बैठक होगी जिसमें सीएम पद का फैसला लिया जाएगा।
वैसे इस दौड़ में सबसे पहले मनोज सिन्हा का नाम सामने आया है, जो इस वक्त रेल राज्य मंत्री और दूर संचार मंत्री के पद पर कार्यरत हैं। मनोज सिन्हा इसलिए भी सीएम की सूची में सबसे ऊपर है क्योंकि वह अपने कार्यकाल में कई बार पीएम मोदी से तारीफ पा चुके हैं। इसके आलावा, केशव प्रसाद मौर्य, योगी आदित्यनाथ, सिद्धार्थनाथ सिंह, भी शामिल हैं। अगर मीडिया की बात की जाये तो पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, और स्मृति ईरानी भी हो सकते हैं सीएम का चेहरा।
उत्तर प्रदेश: यहां विधानसभा की 403 और लोकसभा की 80 सीटें हैं।
पार्टी | 2012
विधानसभा |
वोट % | 2014 लोकसभा
80 सीटें |
2017
विधानसभा |
वोट % |
एसपी | 224 | 29.2 | 5 | 47 | 22% |
बीएसपी | 80 | 25.9 | 0 | 19 | 22% |
बीजेपी+ | 47 | 15 | 73 | 325 | 40% |
कांग्रेस | 28 | 11.6 | 2 | 7 | 6% |
अन्य | 24 | 18.3 | 0 | 5 | 10% |
पंजाब: यहां विधानसभा की 117 और लोकसभा की 13 सीटें हैं।
पार्टी | 2012
विधानसभा |
वोट % | 2014
लोकसभा |
2017
विधानसभा |
वोट% |
अकाली | 56 | 34.7 | 4 | 15 | 25% |
आप | – | – | 4 | 20 | 24% |
बीजेपी | 12 | 7.2 | 2 | 3 | 5% |
कांग्रेस | 46 | 40.1 | 3 | 77 | 38% |
अन्य | 3 | 18 | – | 2 | 8% |
उत्तराखंड: यहां विधानसभा की 70 और लोकसभा की 5 सीटें हैं।
पार्टी | 2012
विधानसभा |
वोट % | 2014
लोकसभा |
2017
विधानसभा |
वोट% |
कांग्रेस | 32 | 33.8 | – | 11 | 34% |
बीजेपी | 31 | 31.1 | 5 | 57 | 46% |
बीएसपी | 3 | 12.2 | – | — | 7% |
यूकेडीपी | 1 | 1.9 | – | — | 0.7% |
अन्य | 3 | 12.3 | – | 2 | 12% |
गोवा: यहां विधानसभा की 40 और लोकसभा 2 की सीटें हैं।
पार्टी | 2012 विधानसभा | वोट % | 2014
लोकसभा |
2017
विधानसभा |
वोट% |
बीजेपी | 21 | 34.7 | 2 | 13 | 32% |
कांग्रेस | 9 | 30.8 | – | 17 | 28% |
एमएजी | 3 | 6.7 | – | 3 | 11% |
जीएफपी | 2 | 3.5 | – | 3 | 3.5% |
अन्य | 5 | 16.7 | – | 4 | 25% |
मणिपुर: यहां विधानसभा की 60 और लोकसभा 2 की सीटें हैं।
पार्टी | 2012
विधानसभा |
वोट % | 2014
लोकसभा |
2017
विधानसभा |
वोट% |
कांग्रेस | 42 | 42.4 | 2 | 27 | 35% |
तृणमूल | 7 | 17 | – | 1 | 1% |
बीजेपी | — | — | – | 21 | 36% |
एलजेपी | 1 | 0.6 | – | 1 | 2% |
अन्य | 1 | 24.1 | – | 10 | 26% |
भाजपा की शानदार जीत और विपक्षियों की करारी हार से विरोधी इस कदर हताश हो गए हैं कि ने अब वोटिंग मशीनों को ही खराब बताने लगे। बसपा को यूपी में मात्र 19 सीटें मिली जिससे मायावती ने नतीजों के तुरंत बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा वोट किसी को भी दें, जा रहा है बीजेपी को। उन्होंने EVM में ही खराबी होने का आरोप लगा दिया। अखिलेश यादव ने अपना इस्तीफा देते हुए कहा कि लोगों को हाईवे नहीं बुलेट ट्रेन चाहिए, और अंत में जाते-जाते यह भी कह दिया कि मायावती के लगाए गए आरोपों की जांच होनी चाहिए। हालांकि चुनाव आयोग ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है।