मोदी सरकार ने केंद्र सरकार के अंदर काम करने वाली महिलाओं के लिए एक अहम कदम उठाया है। मोदी सरकार द्वारा बनाए गए नियम के तहत यदि कोई महिला ऑफिस में किसी तरह के यौन शोषण के मामले में केस दर्ज करवाती है तो पीड़ित महिला कर्मचारी को 90 दिन का वैतनिक अवकाश दिया जाएगा। यह अवकाश उस समय तक मिल सकता है जबतक मामले की जांच चल रही हो।

Modi government's important decision on working women - 1

कार्यस्‍थल पर महिलाओं से यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम-2013) के तहत अगर किसी शिकायत की जांच चल रही है और तो उस बीच में पीड़ित महिला 90 दिन तक का अधिकतम विशेष अवकाश ले सकती है। ऑफिस में महिलाओं पर हो रहे यौन उत्पीड़न को देखते हुए क्रामिक एंव प्रशिक्षण विभाग ने सेवा नियमावली में बदलाव किए है। इस नियम में सबसे मुख्य बात यह है कि जांच के लिए मिलने वाले 90 दिनों के अवकाश में महिलाओं को उनकी पूरी सैलरी दी जाएगा और साथ ही महिला कर्मचारी के खाते से कोई छुट्टी काटी जाएगी।

ऑफिस में महिलाओं का शोषण करने के बाद जब महिलाएं केस दर्ज कराती है तो उन्हें जांच को रूकवाने के लिए धमकियां दी जाती है। दिन-प्रतिदिन धमकियां मिलने की महिलाओं की शिकायतों की रोकथाम को देखते हुए इस कदम को उठाया गया है। हालांकि 90 दिन का यह अवकाश पीड़ित महिला को केवल आंतरिक कमेटी की सिफारिश पर ही दिया जाएगा। दिसंबर 2016 में सरकार ने एक और नियम लागू किया था जिसके तहत कार्य स्थल पर यौन शोषण का शिकार होने वाली महिला द्वारा की गई शिकायत की जांच को 30 दिन के भीतर पूरा किया जाएगा।

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