आजादी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक सुधार माने जाने वाले ‘जीएसटी’ आखिरकार 1 जुलाई 2017 से लागू होने जा रहा है। शायद इसीलिए इसकी उद्घोषणा भी देश की आजादी की उद्घोषणा की तरह ऐतिहासिक होगी। दरअसल,सरकार इसकी उद्घोषणा देश की आजादी की उद्घोषणा की तरह करने वाली है। मतलब, जिस तरह देश की आजादी की उद्घोषणा 15 अगस्त 1947 को मध्यरात्रि में जवाहर लाल नेहरू द्वारा की गई थी, ठीक उसी तरह सरकार 31 जून 2017 की मध्यरात्रि को जीएसटी की उद्घोषणा करेगी।
‘एक राष्ट्र–एक कर’ के नारे के साथ जीएसटी 1 जुलाई से लागू हो जाएगा। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बताया कि अब तक केरल और जम्मू-कश्मीर को छोड़कर यह सभी राज्यों में पारित हो चुका है और जल्द ही इन दो राज्यों में भी यह इसको लेकर कानून पारित हो जाएगा। अरुण जेटली ने बताया कि 30 जून की देर रात को इसे आधिकारिक रूप से लांच किया जाएगा। इस सत्र में जीएसटी काउंसिल के सभी सदस्य,सभी सांसद मौजूद रहेंगे। साथ ही सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, और वित्त मंत्री भी मौजूद रहेंगे। जेटली ने कहा कि यह कार्यक्रम सेंट्रल हॉल में होगा। इस दौरान दो शॉर्ट फिल्म भी दिखाई जाएगी, जिसमें जीएसटी की खूबियों को दर्शाया जाएगा।
नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था एक दर्जन से अधिक शुल्कों को स्वयं में समाहित कर एकल बाजार तैयार करेगा। पिछले रविवार को GST की बैठक में सरकारी और प्राइवेट लॉटरी पर अलग-अलग टैक्स तय किए गए थे। आधी रात को एक डंका बजाकर जीएसटी की शुरूआत की जाएगी। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य वक्ता होंगे साथ ही राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी इसमें शामिल होंगे।