केरल की 124 विधानसभा सीटों पर 6 अप्रैल को मतदान होने वाला है। राज्य में एक ही चरण में चुनाव संपन्न हो जाएगा। चुनाव से पहले सभी पार्टियां प्रचार- प्रसार कर रही हैं। केरल में बीजेपी का सीधा मुकाबला एलडीएफ सरकार से है। साथ ही यहां पर कांग्रेस भी मजबूत पार्टी है। आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केरल पहुंचे हैं। केरल में रैली कर रहे हैं।

पालक्काड़ में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने सत्तारूढ़ एलडीएफ गठबंधन पर जमकर हमला बोला। पीएम मोदी ने एलडीएफ सरकार की तुलना जूडस से करते हुए कहा कि जैसे जूडस ने ईसा मसीह के साथ विश्वासघात किया था, वैसे ही यहां सरकार लोगों को धोखा दे रही है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, ‘जूडस ने चांदी के कुछ सिक्कों की खातिर प्रभु ईसा मसीह के साथ विश्वासघात किया था। बता दे कि, केरल सरकार को जुडास बता कर पीएम मोदी ने क्रिश्चिचंस को पार्टी की तरफ आर्षित करने की कोशिश की है। ईसाई बहुल केरल में हमेशा से राजनीति में क्रिश्चिचंस की अहम भूमिका रही है।

जूडस का नाम आते ही लोग गूगल पर सर्च करने लगे आखिर जूडस कौन है जिसकी तुलना पीएम केरल सरकार से कर रह हैं। बता दें कि, जूडस उन 12 लोगों में से एक था, जिन्हें ईसा मसीह ने अपने संदेशों का प्रचार करने के लिए तय किया था। चांदी के 30 सिक्कों के लिए जूडस ने ईसा मसीह से विश्वासघात किया था और उनकी पहचान को उजागर कर दिया था।  जुडास ने ही ईसा को गिरफ्तार कराया था जिसके बाद उन्हें सुली पर चढ़ाया गया था। जूडस का नाम ईसा मसीह को गिरफ्तार कराने के लिए कुख्यात है।

जूडस इस्कैरियट ही ईसा मसीह को गिरफ्तार कराने के लिए लोगों को लेकर पहुंचा था और उन्हें किस करके उनकी पहचान उजागर कर दी थी। इसके बाद ईसा मसीह को गिरफ्तार कर लिया गया और फिर उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया था।

किस के बाद ईसा के विरोधी उन्हें पहचान गए कि मसीह कौन हैं। इसे बाइबल में “किस ऑफ जूडस” के नाम से जाना जाता है। मसीह की पहचान के बाद उन्हें प्रधान पादरी कायफास के सैनिकों के सामने ला दिया और यीशू मसीह को पिलातुस के सैनिकों के हवाले कर दिया गया। 

पालक्काड़ में रैली के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए मेट्रो मैन ई. श्रीधरन की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने भारत को आधुनिक बनाने और कनेक्टिविटी सुधारने के लिए बड़ा काम किया है। उनकी समाज का हर वर्ग प्रशंसा करता है और अब श्रीधरन जी ने केरल के विकास के लिए खुद को समर्पित करने का फैसला लिया है। वह केरल के सच्चे बेटे हैं, जो सत्ता से परे की सोच रखते हैं।

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