बहुजन समाज पार्टी(बसपा) अध्यक्ष मायावती ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाते हुये कहा कि असम राज्य में बरसों से रह रहे धार्मिक एवं भाषाई अल्पसंख्यकों की नागरिकता समाप्त करके नई समस्या पैदा कर दी है और इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते है। सुश्री मायावती ने मंगलवार को यहां जारी बयान में कहा है कि नेशनल रजिस्टर आफ सिटिजन्स’ (एन.आर.सी.) की सोमवार को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार असम राज्य में बरसों से वहाँ रह रहे 40 लाख से अधिक धार्मिक एवं भाषाई अल्पसंख्यकों की नागरिकता को समाप्त कर दी गयी है। उन्होने कहा कि इससे नई समस्या पैदा होगी। इस मामलें में अपने राजनीतिक फायदे के लिये केन्द्र तथा असम सरकार ने संकीर्ण मानसिकता का परिचय दिया है।

उन्होंने इस मामले में केन्द्र सरकार से तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाकर आवश्यक प्रभावी सुधारात्मक कार्रवाई करने की माँग की है। बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि भाजपा शासित सरकारों की संकीर्ण, जातिवादी, साम्प्रदायिक एवं विभाजनकारी नीति के कारण कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश में हर तरफ अफरातफरी तथा अराजकता का माहौल है। इससे आम जनता त्रस्त है। लोगों के जनजीवन पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। उन्होने कहा कि असम राज्य में बरसों से रहने के बावजूद यदि वे लोग अपनी नागरिकता के सम्बन्ध में कोई ठोस सबूत नहीं दे पाये हैं, तो इसका यह मतलब नहीं है कि उन लोगों से उनकी नागरिकता ही छीन ली जाये। प्रभावित लोगों में धार्मिक अल्पसंख्यकों में ज्यादातर बंगाली मुसलमान हैं। भाषाई अल्पसंख्यकों में बंगला बोलने वाले गै़रमुस्लिम बंगाली हैं। इसीलिये बंगाल में भी इसका दुष्प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संध की संकीर्ण विभाजनकारी नीतियों का ही यह परिणाम है कि असम में आज ऐसा परिणाम आया है। आगामी 31 दिसम्बर को अन्तिम सूची के प्रकाशन के बाद यह देश के लिये एक ऐसा सरदर्द बनकर उभरेगा, जिससे निपट पाना बहुत ही मुश्किल होगा।

प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि इस मामले में सब कुछ न्यायालय पर थोपना गलत है। भाजपा की केन्द्र तथा राज्य सरकारें संविधान तथा न्यायालयों के आदेशों-की कितनी अवहेलना कर रही है। भाजपा पूरे देश में खासकर दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़े वर्गों एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों को हर प्रकार से अपनी संकीर्ण, जातिवादी, साम्प्रदायिक एवं विभाजनकारी नीति का अभियान जारी रखे हुये है। उन्होंने कहा कि सहारनपुर में बसपा के विधायक महमूद अली तथा उसके भाई मोहम्मद इकबाल को भी गैंगेस्टर एक्ट में फंसाया जा रहा है। उनके परिवार तथा रिस्तेदारों को फसाया जा रहा है। पार्टी कानूनी कार्रवाई का कोई विरोध नहीं करती है, लेकिन राजनीतिक, जातिगत तथा धार्मिक विद्वेश तहत सरकारी आतंक फैलाना गलत है। इस सम्बन्ध में पार्टी का एक प्रतिनिधिमण्डल ने जिलाप्रशासन से मिलकर इसका विरोध भी दर्ज करेगा।

                                          साभार- ईएनसी टाईम्स

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