Mahatma Gandhi Birthday: आज पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मना रहा है। लेकिन इस बीच सोशल मीडिया में एक पक्ष वो भी है जो #नाथूराम_गोडसे_जिंदाबाद को ट्रेंड करवाने में लगा है। आजादी मिलने के महज पांच महीने बाद ही राष्ट्रपिता की हत्या करने वाले गोडसे (Nathuram Godse) को लेकर कई तरह की बातें की जाती रही है। महात्मा की हत्या के 22 महीने बाद उसे फांसी दे दी गया गयी थी।
महाराष्ट्र का रहने वाला था गोडसे
नाथूराम विनायकराव गोडसे का जन्म एक मराठी चितपावन ब्राह्मण परिवार में 19 मई 1910 को हुआ था। उसके पिता एक डाक कर्मचारी थे। साल 1932 में वो आरएसएस के संपर्क में आ गया। उसने अपने विचारों को बढ़ाने के लिए अखबारों में कई लेख लिखे थे। साल 1946 में उसने राष्ट्र विभाजन के कारण आरएसएस से दूरी बना ली और वो हिंदू महासभा में शामिल हो गया। हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट में इस बात को लेकर दावा किया जाता रहा है कि वो अपने अंतिम संमय तक आरएसएस की बैठक में हिस्सा लेता रहा था।
दूसरे प्रयास में रहा था सफल
कहा जाता है कि गांधी अपनी सुरक्षा को लेकर अधिक गंभीर नहीं थे। इसका फायदा गोडसे ने उठाया। गोडसे बंबई-अमृतसर एक्सप्रेस से दिल्ली पहुंचा था उस दिन गांधी को मंदिर पहुंचने में कुछ देर हो गयी थी। पहले से तैयार गोडसे ने वहीं उनकी हत्या कर दी।
लाल किले में चला था मुकदमा
8 मर्ई 1948 को एक गजट नोटिफिकेशन द्वारा दिल्ली में एक विशेष अदालत का निर्माण किया गया। यह अदालत लाल किले में काम करता था। इसी अदालत में गोडसे को दोषी साबित किया गया था। उसके साथ ही नारायण दत्तात्रेय आप्टे, गोपाल विनायक गोडसे, मदनलाल कश्मीरीलाल पहवा सहित कई अन्य लोगों पर मुकदमा चली थी। इससे पहले लाल किले में गुलाम भारत में बहादुर शाह जफर और सुभाष चंद्र बॉस पर भी लाल किले में ही मुकदमा चलाया गया था।
फांसी के समय भी शर्मिंदा नहीं था गोडसे
15 नवंबर 1949 को जब उसे फांसी के लिए ले जाया गया तो उसके हाथ में एक गीता और अखंड भारत का नक्शा था और उसने दूसरे हाथ में भगवा ध्वज को रखा था। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार फांसी पर जाने से पहले उसने ‘नमस्ते सदा वत्सले’ का उच्चारण किया था।
परिवार को है गर्व
गोडसे की तीसरी पीढ़ी के सदस्य अजिक्य गोडसे से जब नाथुराम को लेकर सवाल किये गए तो उसने कहा कि मुझे उस परिवार पर गर्व है जिसमें मेरा जन्म हुआ है। मेरे दादाजी ने जो भी किया वो देश के लिए किया। कुछ साल बाद लोगों को समझ आएगा उन्होंने क्यों ऐसा काम किया।
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