भारत तेजी के साथ हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। चाहे वो देश की अर्थव्यव्सथा का मामला हो या देश की सुरक्षा का। इस बार देश को एक और कामयाबी हासिल हुई है जिससे हमारी सैन्य शक्ति को काफी बल मिला है। गुरुवार को देश को पहला भारत में बनी पनडुब्बी मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्कोर्पीन क्लास पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को देश के लिए समर्पित किया। इस पनडुब्बी को फ्रांस की मदद से भारत में तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री ने इसे भारत की रक्षा और सुरक्षा को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण नया युग कहा।

पिछले 17 सालों में ये पहली भारतीय सबमरीन है, जिसे नौसेना में शामिल किया गया है। कलवरी का नाम हिद महासागर में पाई जाने वाली खतरनाक टाइगर शार्क के नाम पर रखा गया है। नौसेना की पनडुब्बी शाखा ने 2017 में ही अपनी स्वर्ण जयंती मनाई थी। मोदी ने इस अवसर वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए इस परियोजना के विकास में मदद के लिए फ्रांस का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह हाल के दिनों में भारत और फ्रांस के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों के और अधिक मजबूत होने का प्रतीक है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि आईएनएस कलवरी से देश के रक्षा, आर्थिक, तकनीकी और अंतर्राष्ट्रीय क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले तीन सालों में सुरक्षा से जुड़े पूरे ईकोसिस्टम में बदलाव की शुरुआत हो गई है। उन्होंने बताया कि इस साल जम्मू-कश्मीर में 200 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं और वहां पत्थरबाजी की घटनाओं में भी कमी आई है। पीएम ने कहा कि चाहे समुद्र के रास्ते आतंकवाद हो, तस्करी हो या गैर कानूनी मछली पकड़ना है, इन सभी से लड़ने में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बता दें कि  आईएनएस कलवरी डीजल-इलेक्ट्रिक मोटर के दम पर चलती है और जैसे समंदर में शार्क अपने शिकार को बिना खबर लगे दबोच लेती है। वैसे ही समुद्र के अंदर गहरे जाने वाली ये पनडुब्बी बिना शोर किए दुश्मन को तबाह करने की ताकत रखती है। आईएनएस कलवरी की कुल लंबाई 67.5 मीटर है, वहीं उसकी ऊंचाई 12 मीटर से भी ज्यादा है।

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