दुनिया में सबसे अधिक कोरोना भारत में कहर मचा रहा है। चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। देश में 24 घंटे के भीतर 3.24 लाख नए केस सामने आए हैं। वहीं 2771 लोगों की मौत हो गई है। देश में कोरोना का मंजर इतना भयानक है कि, लाशों को जलाने के लिए श्मशान घाट कम पड़ गया है। पार्क को श्मशान घाट में बदला जा रहा है। अस्पतालों के बाहर लोग इलाज के आभाव में दम तोड़ रहे हैं। वहीं ऑक्सीजन की कमी देश की राजधानी दिल्ली में सबसे अधिक है। यहां लोग मैक्स और सरगंगाराम जैसे बड़े अस्पतालों के बाहर दम तोड़ रहे हैं। खुशी की बात यह कि, इस लड़ाई में भारत अकेला नहीं है उसके साथ दुनिया के कई बड़े देश खड़े हैं। इसी सिलसिले में 26 अप्रैल को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से फोन पर वार्ता की।
पीएम ने बताया कि, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ एक उपयोगी चर्चा हुई है। हमलोगों ने दोनों देशों में उत्पन्न कोरोना संकट पर विस्तार से चर्चा की। हमने चर्चा के दौरान वैक्सीन के लिए कच्चे माल और दवाओं की आपूर्ति को लेकर गंभीरता से बातचीत की है। इसके अलावे पीएम मोदी ने इस संकट की स्थिति में बात करने के लिए राष्ट्रपति बाइडन का धन्यवाद भी किया।
वहीं 27 अप्रैल 2021 को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि आज, मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बात की और कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आपातकालीन सहायता और संसाधन प्रदान करने के लिए अमेरिका की तरफ से पूरी मदद का वादा किया। भारत ने हमारी मदद की है और हम उनकी करेंगे।
इसके बाद व्हाइट हाउस प्रवक्त जेन साइकी ने कहा कि हमने पिछले कुछ दिनों में कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं ताकि भारत की तात्कालिक जरूरतों को पूरा किया जा सके और पीएम और राष्ट्रपति सहित हर स्तर पर उनके साथ संपर्क में रहे। मैं आश्वासन दे सकती हूं कि हम उनकी सहायता के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बता दें कि, भारत ने वैक्सीन बनाने के लिए कच्चे माल की मांग अमेरिका से की थी। लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने यह कहकर मना कर दिया था कि, अमेरिकन फर्स्ट पर वही अमेरिका भारत को मदद मुहैया कराने के लिए पूरी तैयार के साथ आगे आया है।
भारत को मदद मुहैया कराने को लेकर अमरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि, ”महामारी की शुरुआत में जब हमारे अस्पतालों पर भारी दबाव था उस समय भारत ने अमेरिका के लिए जिस तरह सहायता की थी, उसी तरह भारत की जरूरत के समय में मदद करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।”